अनादि न्यूज़

सबसे आगे सबसे तेज

समाचार

अर्थव्यवस्था को लगा बड़ा झटका: IIP ग्रोथ 6 साल में सबसे कम, क्या होगा असर!

औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है. जुलाई के मुकाबले अगस्त में इंडस्ट्रियल ग्रोथ (Index of Industrial Production) 4.3 फीसदी से घटकर -1.10 फीसदी पर आ गई है. फरवरी 2013 के बाद ये सबसे कमजोर आंकड़े है. देश की 23 इंडस्ट्री ग्रुप्स में से 15 में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ गिरकर निगेटिव हो गई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई सेक्टर्स में उत्पादन घटने से औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है. आपको बता दें कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में खास महत्व होता है. इससे पता चलता है कि उस देश की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक वृद्धि किस गति से हो रही है. अर्थशास्त्री बताते हैं कि देश के मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज सेक्टर में आर्थिक सुस्ती का दौर जारी है. देश में अभी तक प्राइवेट प्लेयर्स इन्वेस्टमेंट करने से झिझक रहे है. इसीलिए कई सेक्टर्स की कंपनियों में छंटनी हो रही है.

अब क्या होगा- एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल ने बताया है कि आईआईपी ग्रोथ के गिरने का अनुमान पहले से था. लेकिन ये नंबर्स अनुमान से बेहद खराब है. ऑटो सेल्स में आई गिरावट का असर भी इन आंकड़ों पर है. अगले कुछ महीनों तक ऐसे ही रहने की आशंका है. हालांकि, आरबीआई की ओर से कम की गई ब्याज दरें इसे सहारा दे सकती है.

आईआईपी (IIP) आंकड़ों पर एक नज़र- मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ 4.2 फीसदी से गिरकर -1.2 फीसदी पर आ गई है. वहीं, माइनिंग ग्रोथ 4.9 फीसदी गिरकर 0.10 फीसदी रही है. इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ 4.8 फीसदी से घटकर -0.9 फीसदी रही है.

See also  अभिनेता का वॉट्सएप अकाउंट हैक, हैंकर ने भेज दिए महिला मित्रों अश्लील वीडियो

इसके अलावा कंज्यूमर ड्यूरेबल ग्रोथ -2.7 फीसदी से गिरकर -9.1 फीसदी हो गई है. कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल ग्रोथ 8.3 फीसदी गिरकर 4.1 फीसदी रही है.

क्या होता है आईआईपी-औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में खास महत्व होता है. इससे पता चलता है कि उस देश की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक वृद्धि किस गति से हो रही है.आईआईपी के अनुमान के लिए 15 एजेंसियों से आंकड़े जुटाए जाते हैं.

>> इनमें डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन, इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस, सेंट्रल स्टेटिस्टिकल आर्गेनाइजेशन और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी शामिल हैं.

>> सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा मानकों के मुताबिक किसी उत्पाद के इसमें शामिल किए जाने के लिए प्रमुख शर्त यह है कि वस्तु के उत्पादन के स्तर पर उसके उत्पादन का कुल मूल्य कम से कम 80 करोड़ रुपए होना चाहिए.

>> इसके अलावा शर्त है कि वस्तु के उत्पादन के मासिक आंकड़े लगातार उपलब्ध होने चाहिए.इंडेक्स में शामिल वस्तुओं को तीन समूहों-माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रिसिटी में बांटा जाता है.

>> फिर इन्हें बेसिक गुड्स, कैपिटल गुड्स, इंटरमीडिएट गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स जैसी उप-श्रेणियों में बांटा जाता है.