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इस मंदिर में जाने से हर मनोकामना पूरी करती हैं मां, नवरात्रि पर जरूर करें यहां दर्शन

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम,मध्य प्रदेश।  दतिया जिले में स्थित मां पीतांबरा देवी के दर्शन करने मात्र से सभी मनोकामना पूर्ण होने की मान्यता है. देवी को समर्पित यह प्राचीन मंदिर सदियों से आस्था का प्रतीक बना हुआ है. यू्ं तो हमारे देश में मां दुर्गा के कई ऐसे चमत्‍कारिक मंदिर हैं जहां कई सारी मान्यताएं प्रचलित है. लेकिन दतिया जिले में स्थित मां पीतांबरा देवी मंदिर सदियों से पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है. मां पीताम्बरा देवी, जिन्हें देवी बगलामुखी के नाम से भी जाना जाता है, इस प्रतिष्ठित मंदिर की प्रमुख देवी हैं. दूर-दूर से भक्त देवी का आशीर्वाद लेने के लिए इस पवित्र स्थान पर आते हैं. आइए इस लेख के जरिए आज हम आपको बताते हैं इस अद्भुत मंदिर के बारे में.
भक्तों की करती हैं रक्षा
देवी बगलामुखी को बुरी ताकतों और धोखे से बचाने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है. उनका नाम, ‘बगला’ जिसका अर्थ है ‘लगाम’ और ‘मुखी’ जिसका अर्थ है ‘सामना करना’, नकारात्मक प्रभावों को रोकने और नियंत्रित करने की उनकी शक्ति का प्रतीक है.
खिड़की से होती है दर्शन
कहा जाता है कि मां पीतांबरा देवी मंदिर की स्‍थापना 1935 में हुई थी. यहां पर देवी का दर्शन एक छोटी सी खिड़की के द्वारा किया जाता है. यूं तो इस मंदिर में हर समय भक्‍तों की भीड़ दिखाई देती है, लेकिन नवरात्र में भक्तों की संख्या काफी बढ़ जाती है. इस नौ दिवसीय उत्सव के दौरान मंदिर को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है. मान्यता है कि नवरात्र में देवी की पूजा का विशेष फल प्राप्‍त होता है. भक्त देवी का आशीर्वाद पाने के लिए पीले कपड़े, चने की दाल और घी सहित विभिन्न वस्तुएं चढ़ाते हैं. ऐसा माना जाता है कि मां को पीली चीजें चढ़ाने से भक्‍त की सभी मुरादें पूरी होती हैं.
भक्‍त यहां तीन प्रहर में मां के अलग-अलग स्‍वरूपों का करते हैं दर्शन ऐसा कहा जाता है कि मां पीतांबरा देवी तीन प्रहर में अलग-अलग स्‍वरूप धारण करती हैं. जी हां, भक्त यहां तीन प्रहर में मां के अलग-अलग स्‍वरूपों का दर्शन करते हैं. यानी कि अगर आपने सुबह के समय मां के किसी स्‍वरूप के दर्शन किए हैं तो दूसरे प्रहर में आपको दूसरे रूप में माता नजर आएंगी. वहीं तीसरे प्रहर में भी मां का स्‍वरूप बदला हुआ दिखाई देगा. हालांकि आज तक मां के बदलते स्‍वरूप का राज किसी को पता नहीं चल सका. इसे चमत्‍कार के तौर पर देखा जाता है.
जरूर करें दर्शन
सदियों से यह मंदिर पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है. यह भक्ति और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है, लोगों में विश्वास की लौ पहुंचाता है. मध्य प्रदेश के दतिया के मध्य में, मां पीतांबरा देवी मंदिर आस्था, भक्ति और स्थापत्य वैभव के प्रमाण के रूप में खड़ा है. यह एक ऐसा स्थान है जहां इतिहास आध्यात्मिकता से मिलता है, और जहां भक्तों को देवी बगलामुखी के दिव्य आलिंगन में सांत्वना मिलती है. यदि आप एक ऐसी जगह जाना चाहते हैं जो संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता को जोड़ती है, तो इस पवित्र निवास की यात्रा जरूर करें.
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