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ऑनलाइन कंटेंट को लेकर भारत सर्वाधिक करता है ये काम, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

विश्व की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों की पारदर्शिता रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि ऑनलाइन सामग्री को हटाने का सबसे अधिक आग्रह भारत की तरफ से मिला।पाकिस्तान का नंबर इस सूची में आठवां है। ब्रिटेन स्थित प्रौद्योगिकी शोध फर्म कॉम्पेरिटेक की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। कॉम्पेरिटेक ने बीते दस साल में ऑनलाइन साम्रगी को हटाने के लिए प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों से किए गए अनुरोध का डेटा एकत्र किया और पाया कि इस मामले में सर्वाधिक अनुरोध भारत की तरफ से किए गए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में दूसरे नंबर पर रूस और तीसरे नंबर पर तुर्की है। ऑनलाइन सामग्री को हटाने के अनुरोध में पाकिस्तान आठवें स्थान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, कॉम्पेरिटेक ने 2009 से 2019 के बीच फेसबुक, गूगल, ट्विटर, माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों से उनके प्लेटफॉर्म से आनलाइन कंटेट को हटाने के लिए किए गए आग्रह के डेटा का विश्लेषण किया।

यह पाया गया कि 2009 से 2019 के बीच भारत की तरफ से ऑनलाइन कंटेंट को हटाने का 77620 बार आग्रह किया गया। इस मामले में भारत पहले नंबर पर है। 77162 अनुरोध के साथ रूस दूसरे और 63585 आग्रह के साथ तुर्की तीसरे नंबर पर है। फ्रांस व मैक्सिको क्रमश: चौथे और पांचवे नंबर पर हैं। इनके बाद ब्राजील, जर्मनी, पाकिस्तान, अमेरिका व ब्रिटेन का नंबर है।

चीन ऑनलाइन कंटेंट को हटाने के मामले में इस सूची में तेरहवें नंबर पर है। लेकिन, इसकी वजह यह है कि चीन में कई वेबसाइट पर पहले से ही पूरी तरह से प्रतिबंध है। कॉम्पेरिटेक के एक संपादक पॉल बिशॉफ ने मंगलवार को एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, “इस अध्ययन में जिन वेबसाइट को हमने देखा है, उनमें से माइक्रोसॉफ्ट की सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी चीन में प्रतिबंधित हैं। इसलिए कंटेंट को सेंसर करने का अनुरोध करने की उसे जरूरत ही नहीं पड़ी।”

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यह रिपोर्ट एक ऐसे समय में आई है जब भारत सोशल मीडिया पर भ्रामक व फर्जी सूचनाओं से निपटने का रास्ता तलाश रहा है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सूची में शीर्ष स्थान पाने वाले देशों के बारे में ऐसा नहीं है कि उन्होंने सभी प्रौद्योगिकी कंपनियों से समान रूप से कंटेंट हटाने का अनुरोध किया। उदाहरण के लिए भारत ने कंटेंट हटाने का जो अनुरोध किया है, उसमें से 90 फीसदी का संबंध फेसबुक से है। यानी, भारत ने मूल रूप से फेसबुक से कंटेंट को हटाने का आग्रह किया। लेकिन, रूस ने यह आग्रह सर्वाधिक बार गूगल से किया जबकि तुर्की ने ट्विटर से किया। अमेरिका ने विकिमीडिया से सर्वाधिक बार यह आग्रह किया।