Ganesh Visarjan 2023 Kab Hai : 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी से गणेशोत्सव शुरू हुआ था, दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन अनंत चतुर्दशी को होगा। भाद्रपद के शुक्ल मास की चतुर्दशी के दिन अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बड़े ही धूम-धाम से लेकिन नम आंखों से बप्पा को विदाई दी जाती है, जिससे कि अगले बरस वो फिर से बड़े ही धूम-धाम से पधारें, इस बार अनंत चतुर्दशी 28 सितबंर को है।
गणेश विसर्जन 2023 शुभ मुहूर्त
- 28 सितंबर को पहला मुहूर्त – 10.42 AM से 03:11 PM
- 28 सितंबर को दूसरा मुहूर्त- 04:41 PM से 09:12 PM
गणेश विसर्जन विधि
सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहवें और फिर गणेश जी की पूजा करें। उनके मनपसंद चीजों का भोग लगाएं। गणेश मंत्र का जाप करें। गणेश आरती करें। इस दौरान स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं । घर के किसी पुरुष से बप्पा का विसर्जन करवाएं।
अनंत चतुर्दशी पर ही क्यों होता है गणेश विसर्जन?
पौराणिक मान्यता के मुताबिक महाभारत की रचना भले ही महर्षि वेदव्यास ने की थी लेकिन उसे लिखा था भगवान गणेश ने, दरअसल व्यास जी को लिखना नहीं आता था लेकिन भगवान गणेश से व्यास जी निवेदन किया कि वो ग्रंथ लिख दें। बप्पा मान तो गए लेकिन उन्होंने व्यास जी के सामने शर्त रखी कि वो तभी लिखेंगे, जब लगातार काम होगा, अगर वो बीच में रूके तो वो लिखना छोड़ देंगे। व्यास जी राजी हो गए। महाभारत लिखने का काम दिन-रात शुरू हो गया लेकिन लिखते-लिखते गणेश भगवान को बुखार हो गया।
दस दिन में ग्रंथ लिपिबद्ध हुआ
शरीर पर मिट्टी का लेप लगा दिया जिसे कम करने के लिए व्यास ने उनके शरीर पर मिट्टी का लेप लगा दिया, इससे ताप तो कम हो गया लेकिन मिट्टी के सूखने से उनका पूरा शरीर अकड़ गया लेकिन वो रूके नहीं और बिना कुछ खाए-पिए वो महाभारत लिखते रहे और दस दिन में वो पूरा ग्रंथ लिपिबद्ध हुआ।
गणपति जी को फिर से बुखार हो गया
थकान और भूख की वजह से गणपति जी को फिर से बुखार हो गया जिस वजह से व्यास जी ने उन्हें नदी के ठंडे पानी में डाल दिया, जहां जाकर गणेश जी काफी आराम मिला, वो दिन अनंत चतुर्दशी का था, तब से इस दिन पर गणपति विसर्जन होने लग गया।