क्या आंदोलन करने से ही मिलेता हैं वेतन और विकास.
अनादि न्यूज़ डॉट कॉम,रायपुर। छत्तिसगढ़ राज्य की महिलाए बहुत ही शौभाग्यशाली हैं जो उन्हें सरकार हर माह बीना मांगे मदद कर रही है ऐसे ही हमारे किसान भाई हैं जिन्हें धान का समर्थन मूल्य बड़ा कर एक मुस्त राशि दी जा रही है मगर हमारे निकाय स्वायत्तसाषी संस्था है सरकार से एक निश्चित अनुदान मिलता है इसलिए निकाय स्वयं व्यवस्था बनाने प्रयास कम हुआ है अब चाहिए की ये अपने आपको भी मज़बूत बनाए यहां अनुदान राशि का भी उपभोग निज हित में हो रहा है स्थापना खर्च आय से ज्यादा है आय कैसे बड़े उसकी कोई व्यवस्था नहीं सिर्फ टेक्स पर आश्रित रहते हैं यह भी सच्चाई है।
पुर्व की सरकार से राशी मिल तो रही थी मगर जैसे ही कांग्रेस शासित सरकार हटी सभी निगमों में जो कांग्रेस/भाजपा की सत्ता है उनके ऊपर जैसे मुसीबत आन पड़ी है कारण दिखता है राजनीति मगर कर्मचारियों और जनता को यह देखना समझना होगा अब की सरकार क्या कर रही है और क्या सोच रही है विकास के लिए राशी भी नही मिलना यह दिखाता है जब स्वयं की सरकार बनेगी तभी निकायों तक विकास पहुंचाएंगे क्या ये सही है?
हमारे गांव शहरो मे जो सफाई कर्मचारी, बाबु, इंजीनियर, कार्य कर रहे हैं उनके वेतन की कोई गेरेंटी नही है की कब मिलेगी उनके परिवार को जो तकलीफ हो रही है मानसिक या परिवार में स्वास्थ्य से जुडे हुए विषय हो वो किसे बताए कौन उसकी सुध लेगा.? सरकार के पास बजट की कमी है तो क्यों १०००₹ प्रतिमाह दिया जा रहा है क्यों ऐसे लोक लुभावन वादे करते हैं जिसकी भरपाई हो नही सकती है हमारे शहर को रोज सुबह उठ कर सफाई करते हैं जो बीमारी से हम नागरिकों को सुरक्षित रखते हैं उनका वेतन पहली बार विगत 5 माह से नही मिला है क्यों विपक्ष भी मौन है क्यों सदन या बाहर में उनकी मांग नही कर रहे है.?
अब हम चौथे स्तम्भ से ही इस ओर ध्यान आकर्षित कर इस समस्या को दूर करने विकास के लिए परेशान हो रही जनता कर्मचारी अधिकारी का वेतन मिले एवं विकास भी हो। जनता आगे परेशान ना हो यह सुनिस्चित करे कर्मचारियों एवं जनता को अपनी मांगों के लिए आंदोलन ना करना पड़े सरकार इस बात की गेरेन्टी दे।