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शनि जयंती की पूजा में शामिल करें ये सामग्री, जीवन में खुशियों का होगा आगमन

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम,नई दिल्ली । सनातन धर्म में शनि देव की पूजा का खास महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शनि सभी को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं। शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा का विधान है। इस बार शनि जयंती वैशाख माह 8 मई, 2024 दिन बुधवार को मनाई जाएगी। यह साल में दो बार मनाई जाती है।

ऐसी मान्यता है जो जातक इस दिन श्रद्धा के साथ रवि पुत्र की पूजा करते हैं उन्हें मनचाहा वरदान प्राप्त होता है, तो आइए इस दिन पूजन में शामिल होने वाली सामग्री के बारे में जानते हैं –

शनि जयंती कब है ?

वैशाख अमावस्या तिथि की शुरुआत 7 मई 2024, सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 8 मई 2024, सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे में पंचांग को देखते हुए वैशाख अमावस्या पर यानी 8 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी।

  • शनि जयंती पूजन सामग्री
  • शनिदेव की प्रतिमा व तस्वीर
  • शनि चालीसा
  • शनिदेव कथा की पुस्तक
  • काले और नीले वस्त्र
  • नीले फूल और फूलों की माला
  • सरसों का तेल
  • तिल का तेल
  • काला तिल
  • हवन सामग्री
  • हवन कुंड
  • कपूर
  • पान
  • सुपारी
  • दक्षिणा
  • आसन
  • अक्षत
  • धूप
  • दीप
  • चंदन
  • गंध
  • जल
  • शमी पत्ता
  • गंगाजल
  • फल
  • मिठाई

भगवान शनि की पूजा में इन नियमों का रखें ध्यान

सबसे पहले भगवान शनिदेव की पूजा विधि अनुसार करें।

पूजा के दौरान मन को शांत रखें और नकारात्मक विचारों को मन में न लाएं।

शनिदेव को नीला रंग बेहद पसंद है इसलिए उन्हें नीले रंग का वस्त्र, फूल,आदि चीजें चढ़ाएं।

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शनि जयंती के दिन दान-पुण्य अवश्य करें।

शनिदेव की महादशा से मुक्ति पाने के लिए इस दिन विशेष पूजा करें, इससे आपको तुरंत लाभ मिलेगा।

शनि वैदिक मंत्र

1. ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।।

शनि गायत्री मंत्र

2. ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।