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अन्नदाताओं की समृद्धि, देश की शक्ति : सीएम विष्णु देव साय

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली/रायपुर। देश के अन्नदाताओं के लिए आज का दिन बेहद खास और ऐतिहासिक रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ सीजन 2025-26 के लिए 14 प्रमुख खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में उल्लेखनीय वृद्धि का निर्णय लिया गया है। यह फैसला भारत सरकार की किसान-हितैषी नीतियों को और मजबूती प्रदान करता है और ग्रामीण भारत को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

 प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री का विजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बार-बार यह दोहराया है कि किसानों की भलाई के बिना भारत का समग्र विकास संभव नहीं है। यह निर्णय उनकी नीतियों और दृष्टिकोण की पुष्टि करता है।

किस फसल के MSP में कितनी वृद्धि?

आंकड़े आधिकारिक रूप से जल्द जारी किए जाएंगे, लेकिन सूत्रों के अनुसार धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन, कपास जैसी प्रमुख खरीफ फसलों के MSP में 5 से 12 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। सरकार का उद्देश्य यह है कि किसानों को उनकी उपज की लागत पर उचित लाभ सुनिश्चित किया जा सके और उन्हें बाजार की अस्थिरता से सुरक्षा प्रदान की जा सके।

ऐतिहासिक निर्णय का उद्देश्य

सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय न केवल किसानों की आय को बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि यह उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह कदम अन्नदाताओं की मेहनत का सम्मान और उनकी खुशहाली को प्राथमिकता देने का एक स्पष्ट संकेत है।

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MSP वृद्धि क्यों है महत्वपूर्ण?

MSP का सीधा लाभ किसानों को उनकी उपज की गारंटीकृत कीमत के रूप में मिलता है। इससे न केवल उन्हें बाजार में उपज बेचते समय सुरक्षा मिलती है, बल्कि यह एक स्थिर आय का स्रोत भी बनता है। विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह नीति जीवनदायिनी होती है, जो अपनी आजीविका मुख्यतः खेती पर निर्भर रखते हैं।

किसानों की प्रतिक्रिया

देश के विभिन्न हिस्सों से किसानों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। कई किसान संगठनों ने कहा कि सरकार ने इस बार उनकी वर्षों पुरानी मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाया है। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, पंजाब, तेलंगाना और ओडिशा जैसे कृषि प्रधान राज्यों में इसे लेकर खासा उत्साह देखा गया है। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब देश में कृषि क्षेत्र को लेकर व्यापक चर्चा और अपेक्षाएं बनी हुई हैं। इस निर्णय से एक ओर किसानों को लाभ मिलेगा तो दूसरी ओर यह सरकार की किसान-समर्थक छवि को और मजबूत बनाएगा। कुल मिलाकर, खरीफ सीजन 2025-26 के लिए 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है।