एशिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी ‘वत्सला’ का निधन, पन्ना टाइगर रिज़र्व में ‘दादी मां’ को अंतिम विदाई
अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, मध्य प्रदेश : एशिया की सबसे उम्रदराज़ हथिनी वत्सला का मंगलवार दोपहर निधन हो गया। उसने मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व के हिनौता रेंज स्थित हाथी शिविर में अंतिम सांस ली।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वत्सला की उम्र 100 साल से ज़्यादा थी और वह लंबे समय से पन्ना के जंगल में रह रही थी। वत्सला सबसे उम्रदराज़ और सबसे प्यारी हथिनी थी, जिसके कई अंग काम करना बंद कर चुके थे।
वत्सला के अगले पैरों के नाखून घायल हो गए थे। वह हिनौता इलाके में खैरियां नाले के पास पड़ी थी। तमाम कोशिशों के बावजूद, वह उठ नहीं पाई। दोपहर करीब 1.30 बजे उसकी मौत हो गई।
वन कर्मचारी और वन्यजीव प्रेमी उसे प्यार से ‘दादी’ और ‘दाई माँ’ कहते थे। शिविर में ही उसका सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। केरल से मध्य प्रदेश लाई गई वत्सला को 1971 में केरल के नीलांबुर जंगल से मध्य प्रदेश लाया गया था। उसे पहले नर्मदापुरम में रखा गया और बाद में पन्ना टाइगर अभयारण्य में स्थानांतरित कर दिया गया। उसे रोज़ाना खैरैयां नाले में नहलाया जाता था और दलिया जैसा नरम खाना खिलाया जाता था। अपनी उम्र के कारण, वह ज़्यादा दूर तक चल नहीं पाती थी।
वत्सला को एशिया की सबसे उम्रदराज़ हथिनी माना जाता था। पन्ना टाइगर रिज़र्व के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उसका अंतिम संस्कार किया। बयान में कहा गया है कि वत्सला कई सालों तक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही और सबसे उम्रदराज़ होने के कारण, वह रिज़र्व में हाथियों के पूरे झुंड का नेतृत्व करती थी।





