कोई तीसरा पक्ष शामिल हुआ तो…’: ट्रंप–मुनीर की मुलाकात पर ईरान भड़क उठा, पाकिस्तान को दी चेतावनी

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, Iran Threat to Pakistan: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर के साथ वॉइट हाउस में मुलाकात के बाद ईरान अपने पूर्वी पड़ोसी को शक की निगाह से देख रहा है। मुनीर और ट्रंप की मुलाकात के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमेरिका ईरान पर हमला करने के लिए पाकिस्तान के एयरबेस का इस्तेमाल कर सकता है। इसमें सबसे अधिक संभावना नूर खान एयरबेस को लेकर है, जिसे पिछले महीने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने निशाना बनाया था। यही वजह है कि, ईरान और इजरायल के बीच चल रहे तनाव के बीच, ईरान ने अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को चेतावनी दी है।
नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास के उप मिशन प्रमुख जावेद हुसैनी ने शुक्रवार को कहा कि अगर इस संघर्ष में कोई तीसरा पक्ष शामिल हुआ, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पाकिस्तान हमारे साथ खड़ा रहेगा। पाकिस्तान को समझना होगा कि अगर इजरायल को आज नहीं रोका गया तो आगे कई और देश हमला झेलेगा।जावेद हुसैनी ने कहा कि यह इजरायल और ईरान का संघर्ष है। किसी तीसरे पक्ष का इसमें आना जटिलता बढ़ाएगा। हमारे पास कुछ अघोषित शक्तियां हैं, जिन्हें हमने भविष्य के लिए सुरक्षित रखा है। यह बयान तब सानमे आया, जब उनसे पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात पर सवाल किया गया था।
मुनीर की अमेरिका यात्रा को नोट किया है
ईरानी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने हाल ही में असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा को नोट किया है। कुछ हफ्ते पहले ही उन्होंने ईरान का दौरा कर सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई से मुलाकात की थी और अब वे डोनाल्ड ट्रंप से भी मिले हैं। सोशल मीडिया पर इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि पाकिस्तान, जो ईरान का पड़ोसी देश है, वास्तव में किस पक्ष में खड़ा है-तेहरान या वॉशिंगटन?
भारत को लेकर कोई नाराजगी नहीं: तेहरान
हुसैनी ने भारत को लेकर किसी प्रकार की नाराजगी से इनकार करते हुए कहा कि “तेहरान को भारत से भविष्य में और बेहतर समझ और सहयोग की उम्मीद है।
ऑपरेशन सिंधु: ईरान का भारत को समर्थन जारी
ईरान ने भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंधु को पूरा सहयोग देने की बात भी दोहराई है। इस अभियान के तहत ईरान‑इजरायल संघर्ष में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया जा रहा है। ईरान की महन एयर (Mahaan Air) की तीन चार्टर्ड फ्लाइट्स जल्द ही मशहद से दिल्ली रवाना होंगी और छात्रों को बैचों में निकाला जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि ईरान में लगभग 10,000 भारतीयों में से 1,000 को पहले ही सुरक्षित निकाला जा चुका है, और बाकी को निकालने के लिए भी फ्लाइट्स जारी रहेंगी।
IAEA पर पक्षपात और G7 की आलोचना
ईरानी राजनयिक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी इजरायल के इशारों पर काम कर रही है और G7 देश हमेशा इजरायल का पक्ष लेते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ईरान NPT (परमाणु अप्रसार संधि) का हस्ताक्षरकर्ता है, लेकिन हम बिना शर्त आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।” यह बयान डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया पर बिना शर्त आत्मसमर्पण लिखे जाने के बाद आया है। हुसैनी ने कड़ा जवाब देते हुए दोहराया, “हम बिना शर्त आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, यह तय है।”
पाकिस्तानी सुरक्षा विशेषज्ञ इम्तियाज गुल ने ये दावा किया है। गुल ने कहा है कि नूर खान एयरबेस पर इस कदर अमेरिकी नियंत्रण है कि पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को भी इसमें हस्तक्षेप की अनुमति नहीं है। उन्होंने यह भी बताया था कि इस एयरबेस पर अक्सर अमेरिकी विमान देखे जाते थे, लेकिन उनके बारे में किसी को जानकारी नहीं दी जाती थी। नूर खान एयरबेस पाकिस्तान के लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय के अलावा रणनीतिक योजना प्रभाग भी इस एयरबेस के ही पास है, जहां पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का कंट्रोल होता है।





