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गणेश चतुर्थी 2025 : पूजा विधि और प्रारूप

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, गणेश चतुर्थी 2025। प्रथम पूज्य देवता भगवान श्री गणेश की पूजा किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत या किसी भी पूजा में सबसे पहले की जाती है. उनका स्मरण किए बिना किसी काम को शुरू नहीं किया जाता. यहां देखें भगवान श्री गणेश की 108 नाम की नामावली जिनके जाप मात्र से आपकी सभी बाधाएं दूर हो सकती है|

अपने भक्तों के दुखों को हरने वाले विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश को अपने पिता भगवान शिव से यह आशीर्वाद प्राप्त था कि जब भी कोई पूजा की जाएगी तो सबसे प्रथम उनको याद किया जाएगा, तभी उस पूजा का शुभ फल प्राप्त होगा|

शुभ मुहूर्त का महत्व

इस वर्ष गणेश चतुर्थी बुधवार, 27 अगस्त 2025 को चंद्र कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। यह तिथि 26 अगस्त की दोपहर 1:54 बजे से शुरू होकर 27 अगस्त की शाम 3:44 बजे तक रहेगी। पूजा के लिए सबसे शुभ समय मध्याह्न में 11:05 से 1:40 बजे के बीच माना गया है—इस अवधि में पूजा करने से विशेष शुभ लाभ प्राप्त होते हैं।

स्थिरता और पवित्रता

  • पूजा करते समय सबसे पहले पूजा स्थान (मंदिर स्थल) स्वच्छ रखे, दीप और धूप जलाएं।

  • तालिका या चौकी पर गन्ने का पेड़ (कलश), नारियल, फूल, पंचामृत, मोदक—सभी आवश्यक सामग्री पहले से तैयार रखें।

प्राण प्रतिष्ठा और आवाहन

  • भगवान गणेश को बुलाने के लिए ” ॐ गण गणपते नमः” या ” वक्रतुण्डाय महाकाय …” जैसे मंत्रों का उच्चारण करते हुए अवाहन करें—इसके साथ ही जल छिड़काव और दीप-धूप भी करें

विशेष अर्पण:

  • मोदक – गणेश जी के प्रिय माने जाते हैं।

  • दूर्वा – 21 तिनके प्रसाद स्वरूप अत्यंत शुभ।

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