अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, वास्तु टिप्स : कई लोगों को प्राकृतिक हरियाली इतनी पसंद आती है कि वह घर को भी हरा-भरा बनाने के लिए इनडोर पौधे लगाने लगते हैं। हरे-भरे पौधे न सिर्फ घर को आकर्षित बनाते है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य को भी आकर्षित करती है। यही नहीं, मान्यता है कि कुछ पौधे सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि में सहायक होते हैं। यदि इन पौधों को सही दिशा और स्थान पर रखा जाए, तो यह आर्थिक उन्नति भी होती है। तो आज की इस खबर में हम आपको ऐसे 5 पौधों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे न सिर्फ आपकी संपत्ति बल्कि सौभाग्य भी बढ़ता है।
मनी प्लांट
भारतीय घरों में आपको आमतौर पर मनी प्लांट जरूर देखने को मिलेगा। इसे घर में धन-संपत्ति बढ़ाने का प्रतीक माना जाता है। इसका सीधा संबंध शुक्र ग्रह से होने के कारण इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। ध्यान देने की बात यह है कि आपके मनी प्लांट की पत्तियां बिल्कुल भी नहीं सूखनी चाहिए।
बांस का पौधा
बांस का पौधा वास्तु और फेंगशुई दोनों में सौभाग्य और शुभता का प्रतीक माना जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। इसे कांच के जार में पानी डालकर और लाल रिबन से बांधकर रखना अधिक प्रभावशाली होता है। व्यापार में उन्नति और आर्थिक लाभ के लिए इसे उत्तर या ईशान दिशा में रखना शुभ होता है।
तुलसी
तुलसी को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसे देवी लक्ष्मी का स्वरूप कहा गया है। इसे घर के उत्तर, पूर्व या ईशान दिशा में लगाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। नियमित रूप से तुलसी को जल चढ़ाने और संध्या के समय दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे आर्थिक उन्नति होती है।
लिली
लिली का पौधा अपने सुंदर फूलों और मनमोहक सुगंध के कारण घर में खुशहाली और शांति लाने वाला माना जाता है। इसे घर में लगाने से परिवार के सदस्यों में प्रेम और सौहार्द बना रहता है। आर्थिक समृद्धि के लिए सफेद लिली को घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना अत्यंत लाभकारी होता है।
मनी ट्री
फेंगशुई में छोटे, गोल और मांसल पत्तियों वाला जेड प्लांट (क्रासुला) धन और सौभाग्य को आकर्षित करने के लिए जाना जाता है। इसे घर या ऑफिस के प्रवेश द्वार के पास अंदर की ओर रखना सबसे अधिक प्रभावशाली होता है। यह पौधा चुंबक की तरह धन और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।