चिराग पासवान का प्रभाव: बिहार चुनाव में LJP की रणनीति ने बदला राजनीतिक समीकरण
वहीं वर्ष 2020 बिहार चुनाव से इसका तुलना करें तो चिराग पासवान 2000% स्ट्राइक रेट के साथ सीटें जीतते हुए दिख रहे हैं। पिछले चुनाव में उस समय चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एनडीए से अलग होकर 135 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उसके खाते में सिर्फ एक सीट आई थी। लेकिन इस बार चिराग पासवान की पार्टी की प्रदर्शन बेहद शानदार है। एलजेपी इस बार 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसमें से 22 सीटों पर आगे चल रही है।

पिछली बार का कैसा प्रदर्शन
2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग की पार्टी ने NDA गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ा था. उन्हें इसका घाटा भी हुआ था। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने 2020 में अकेले दम पर 135 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसमें पार्टी को 5.68% यानी लगभग 23.83 लाख वोट मिले, लेकिन सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हो सकी थी। ये बेगूसराय की मटिहानी विधानसभा सीट थी।
जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में जहां 110 सीटों पर लड़ने वाली बीजेपी ने 19.46 प्रतिशत वोट हासिल करते हुए 74 सीटों पर जीत दर्ज की थी तो वहीं सहयोगी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू तीसरे नंबर पर रही थी। उसने 122 सीटों पर लड़कर 15.39 प्रतिशत वोट हासिल करते हुए 73 सीटें जीती
NDA और महागठबंधन में कितनी पार्टियां
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए इस बार NDA गठबंधन में 5 पार्टियां शामिल हैं. बीजेपी और जेडीयू दोनों ही पार्टियों ने 101-101 सीटों पर उम्मीदवार उतारे है। इसके अलावा चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीटों पर, जबकि राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।






