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छत्तीसगढ़ में चला सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन, टॉप नक्सली लीडरों का हुआ खात्मा

नक्सली विरोधी अभियान में छग पुलिस को मिली बड़ी सफलता

आंकड़ों के अनुसार छग में साय की सरकार बनने के बाद 1 दिसम्बर 2023 से 10 जून 2025 तक 433 नक्सली मारे गए, 1455 गिरफ्तार हुए, 1429 ने सरेंडर किया। 

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर।बीजापुर में तेलंगाना बॉर्डर पर कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर 21 दिनों तक सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया गया। इस ऑपरेशन में अब तक 31 नक्सली मारे गए हैं। मारे गए नक्सलियों पर 1 करोड़ 72 लाख रुपयों का इनाम घोषित था। कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में चलाए गए एंटी नक्सल ऑपरेशन में नक्सलियों द्वारा बनाए गए छोटे-बड़े सैकड़ों BGL सेल, इंसास रायफल, SLR रायफल, मजल लोडिंग रायफल, पाइप बम, 315 बोर रायफल, सिंगल शॉट, 303 रायफल, डेटोनेटर, 12 बोर बंदूक, भरमार, बारूद, कोडेक्स तार, डेटोनेटर और बड़ी मात्रा में गोलियां बरामद की गई।


अंत के करीब लाल आतंक

नेशनल पार्क में सात नक्सलियों को ढेर हुए, मारे गए नक्सली नेता की पहचान भास्कर राव उर्फ ​​मैलारापु अडेलु और मंडुगुला भास्कर राव के रूप में हुई। भास्कर राव तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के उरुमदला गांव का रहने वाला था। उस पर कुल 45 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसमें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 25 लाख रुपये का इनाम रखा गया था, जबकि तेलंगाना सरकार ने 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। वह सीपीआई (माओवादी) संगठन की तेलंगाना राज्य समिति के मंचेरियल-कोमारंभीम (एमकेबी) डिवीजन का सेक्रेटरी था और स्पेशल जोनल कमेटी (एसजेडसी) का सदस्य था। बता दें कि, भास्कर की मौत से ठीक एक दिन पहले एक अन्य टॉप नक्सली लीडर सुधाकर (उर्फ गौतम) जो सीपीआई (माओवादी) का केंद्रीय समिति सदस्य था, उसी जंगल में मृत पाया गया था। उसके पास से एक एके-47 भी बरामद की गई थी।

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21 मई को सुरक्षा बलों ने नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में एक बड़े ऑपरेशन में केंद्रीय समिति पोलित ब्यूरो के मेंबर और सीपीआई (माओवादी) के महासचिव बसव राजू को ढेर कर दिया था। उसके साथ 26 अन्य नक्सली भी मारे गए थे। बसव राजू को ‘नक्सल आंदोलन की रीढ़’ माना जाना जाता था, जो संगठन में एक शीर्ष नेता था। वही सरेंडर करने वाला नक्सलियों में सरकार ने नक्सली सदस्य जुगलू और दशा पर 50-50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। अधिकारियों के अनुसार आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली अपने-अपने क्षेत्र में नक्सली बंद सप्ताह के दौरान सड़क खोदना, पेड़ काटना, नक्सली बैनर, पोस्टर और पाम्प्लेट लगाने जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं।

6 जून को बीजापुर मुठभेड़ में एक और नक्सली का शव AK-47 हथियार के साथ बरामद हुआ है। मारा गया नक्सली तेलगु कैडर का बड़ा माओवादी है। उस पर 25 से 50 लाख रुपए तक का इनाम हो सकता है।

एक दिन पहले भी मुठभेड़ में एक करोड़ का इनामी नक्सली सीसी मेंबर सुधाकर मारा गया था। इससे पहले नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में नक्सल संगठन के महासचिव बसवा राजू की मौत हुई थी। उस पर छत्तीसगढ़ में डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। मुठभेड़ में मारा गया सुधाकर नक्सलियों के शिक्षा विभाग का इंचार्ज था। वह बीते तीन दशकों से नक्सल गतिविधियों में सक्रिय था। बता दें कि छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन मार्च 2026 तय की गई है।

साल 2025 में हुई नक्सली मुठभेड़

  • 5 जनवरी 2025 को अबूझमाड़ के जंगल में एक महिला नक्सली समेत पांच नक्सली ढेर।
  • 12 जनवरी 2025 को बीजापुर के मद्देड़ इलाके में एनकाउंटर में दो महिला समेत पांच नक्सली मारे गये थे।
  • 16 जनवरी 2025 को बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के पुजारी कांकेर और मारुड़बाका के जंगल में गुरुवार को सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें फोर्स ने 18 नक्सलियों को मार गिराया था।
  • 21 जनवरी 2025 को गरियांबद जिले में 14 नक्सली मारे गये थे।
  • 2 फरवरी 2025 को बीजापुर जिले के गंगालुर थाना क्षेत्र के तोड़का जंगल में मुठभेड़ में जवानों ने आठ नक्सलियों को मार गिराया था।
  • 9 फरवरी 2025 को छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर बीजापुर जिले के इंद्रावती नेशनल पार्क इलाके में 31 नक्सली ढेर।
  • 20 मार्च को बीजापुर में पुलिस नक्सल मुठभेड़ में 26 और कांकेर मुठभेड़ में 4 नक्सली मारे गये हैं। इस तरह 20 मार्च को कुल 30 नक्सली मारे गये।
  • कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर 21 दिनों में 31 नक्सलियों को किया ढेर ( 21 अप्रैल से 11 मई 2025)
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देश में पहली बार अब तक सबसे बड़ा पुलिस-नक्सली मुठभेड़, मारे गये थे 35 नक्सली-

4 अक्टूबर 2024 को दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के सीमा पर थुलथुली गांव में 35 नक्सली मारे गये थे। ये साल 2024 की देश की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ थी। 4 अक्टूबर 2024 को शुरुआती मुठभेड़ में 31 नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी मिली थी। बाद में 13 अक्टूबर 2024 नक्सलियों ने खुद प्रेस नोट जारी कर कहा था कि 31 नहीं 35 नक्सली मारे गये थे।

सात जिलों में 792 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं

पुलिस ने बताया कि अब तक 2025 में बस्तर के सात जिलों में 792 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं. लोण वर्राटू अभियान के तहत 984 नक्सली अब तक हिंसा छोड़ चुके हैं. सरकार की योजनाओं और पुलिस के भरोसे से लगातार नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे हैं.


सरेंडर नक्सलियों को घर

सरकार ने नक्सलवाद का खात्मा करने के लिए एक नई पॉलिसी बनाई है। इसमें सरकार ने नक्सलियों को पुलिस का भय नहीं बल्कि सरकार का उदार दिल दिखाकर वापस मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश की है। इस पॉलिसी में सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकार आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी। नक्सलियों को सरेंडर करने पर हर माह 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। साथ ही सरेंडर करने वाले इनामी नक्सलियों पर जो इनाम होती है, वह भी नक्सलियों को ही दी जाएगी। बता दें कि अब तक यह राशि इनामी नक्सलियों को पकड़ने वाली सुरक्षा बलों की टीम में बांट दी जाती थी।
2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद

हाल ही छत्तीसगढ़ दौरे पर आगे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनता के बीच कहा था कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। इसके बाद पुलिस ने राज्य में एनकाउंटर और नक्सिलियों की खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी थी। सरकार ने दावा किया था कि एक साल में 212 से ज्यादा नक्सली सुरक्षाबलों की गोलीबारी में मारे गए हैं। जो पिछले 5-5 साल में नहीं हुए थे।

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