अनादि न्यूज़

सबसे आगे सबसे तेज

देश संपादकीय

जाति जनगणना के निर्णय के अनेक आयाम हैं

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, देश में 96 वर्ष बाद और आजाद भारत में पहली बार जाति-आधारित जनगणना होगी। सत्ता पक्ष ने फैसले के बाद इसका श्रेय लेना चाहा, लेकिन विपक्षी स्तर पर इसकी मांग के जनक राहुल गांधी ना केवल अपने वायदे को लेकर गंभीर दिखे, बल्कि उन्होंने आरक्षण भी 50% की सीमा को तोड़कर देने हेतु शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के अनुच्छेद 15(5) के प्रावधान को लागू करने की बात कही।

चुनावी मंचों पर पिछले साल प्रधानमंत्री ने कहा था – मेरे लिए चार जातियां हैं – महिला, युवा, गरीब और किसान। लेकिन राहुल और विपक्ष की आवाज जातिगत जनगणना की घोषणा बुलंद थी और अब बिहार मॉडल के तहत सरकार की यह घोषणा हुई है। इससे पहले जाति आधारित रिपोर्ट 2023 में जारी की गई थी। इसके अनुसार ओबीसी का प्रतिशत 63.4% जाहिर है बिहार चुनाव में राजद और कांग्रेस, जिसकी जनसंख्या संख्या भारी उसके उतनी हिस्सेदारी का नारा बुलंद करेंगे। फिलहाल देश (दक्षिण के कुछ राज्यों को छोड़कर) में ओबीसी को 27.5% आरक्षण ही उपलब्ध है। इस आबादी के अनुसार आरक्षण बढ़ाने के केंद्र और राज्य दोनों में सत्ता में बैठे दल पर दबाव बढ़ेगा। हालांकि केंद्र ने आंकड़े नहीं आएंगे, यह स्पष्ट किया है फिर चुनावी नफा-नुकसान से आंकड़े नहीं आएंगे, फिलहाल इसका फायदा विपक्ष को ही मिलेगा। दूसरी तरफ सवर्णों का परंपरागत सवर्ण वोट भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण बढ़ने से नाराज होगा।

See also  भारत में औद्योगिक और वेयरहाउसिंग की मांग 2025 की पहली तिमाही में 15 प्रतिशत बढ़ी