अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, चंडीगढ़: चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर के न्यूरो सर्जरी विभाग ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने अब तक 100 से अधिक पिट्यूटरी ट्यूमर के मामलों का इलाज किया, जिनमें सबसे लंबा मरीज भी शामिल था, जिसकी लंबाई 7 फीट 7 इंच थी।
एक्रोमेगाली एक हार्मोनल बीमारी है जो पिट्यूटरी ग्रंथि में बनने वाले ट्यूमर के कारण होती है। इसमें हड्डियों और ऊतकों की अत्यधिक वृद्धि देखी जा सकती है। इसका इलाज एंडोस्कोपिक ट्रांसनसल पद्धति से किया जाता है। यह एक कम चोट पहुंचाने वाली तकनीक है, जिसमें सिर पर कोई चीरा नहीं लगाया जाता।
डॉ. राजेश छाबड़ा, डॉ. अपिंदरप्रीत सिंह और डॉ. शिल्पी बोस की अगुवाई वाली न्यूरोसर्जरी टीम ने डॉ. राजीव चौहान की नेतृत्व वाली न्यूरो एनेस्थीसिया टीम के सहयोग और डॉ. इकजोत व डॉ. दृष्टि पारेख की मदद से 100 जटिल ऑपरेशन किए। पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) ने सोमवार को कहा कि ओटी तकनीशियन गुरप्रीत सिंह सहित ऑपरेशन थियेटर टीम ने इन सर्जरियों को सही तरीके से और सुरक्षित रूप से पूरा करने में अहम भूमिका निभाई।
इस सर्जरी पद्धति की सफलता को बताते हुए पीजीआईएमईआर ने हाल ही में एक ऐसे युवक का इलाज किया, जिसकी लंबाई 7 फीट 7 इंच तक बढ़ गई थी। यह लंबाई अनियंत्रित वृद्धि हार्मोन के कारण होने वाली एक्रोमेगाली की एक दुर्लभ और गंभीर स्थिति थी। रोगी को जोड़ों में दर्द, नजर की समस्याएं और रोजमर्रा के काम करने में परेशानी हो रही थी। फिर बिना किसी निशान के ट्रांसनसल मार्ग के रास्ते ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया गया। अस्पताल ने बताया कि सर्जरी के बाद उनके हार्मोन का स्तर सामान्य होने लगा और कुछ ही हफ्तों में उनके लक्षणों में सुधार दिखने लगा।