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दक्षिण चीन सागर पर फिर चीन ने ठोका दावा, द्वीपों पर कब्जा करने की कोशिश, भड़का अमेरिका

South China Sea: चीन ने एक बार फिर से दक्षिण चीन सागर पर अपना अवैध दावा ठोका है और चीन के इस दावे पर अमेरिका ने गहरी चिंता जताई है। अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर चीन चौकियों के निर्माम को लेकर और उनके सैन्यीकरण करने के चीन की कोशिशों को लेकर चिंता जताया है और चीनी कोशिशों को गैर-कानूनी कहा है। चीन लगातार दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताता रहा है और कमजोर देश उसके सामने मुंह ना खोले, लिहाजा वो दक्षिण चीन सागर के अलग अलग द्वीपों पर कब्जा कर रहा है।

अमेरिका ने जताई गहरी चिंता

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि, “दक्षिण चीन सागर में विवादित चौकियों को पुनः प्राप्त करने और उनका सैन्यीकरण करने की चीन की कोशिश, ना सिर्फ उसकी उत्तजक कार्रवाई है, बल्कि उसकी जबरदस्ती, डराने और धमकाने की मंशा को दर्शाता है।” अमेरिका ने कहा कि, चीन की ये कोशिश समुद्र पर अलग अलग देशोंके दावे, क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में अपने विशाल समुद्री दावों के लिए कोई सुसंगत कानूनी आधार पेश नहीं किया है।” उन्होंने कहा कि, दक्षिण चीन सागर में चीन की गतिविधियां चर्चा का एक नियमित विषय है, जिसमें अमेरिकी सहयोगी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भागीदार और चीनी अधिकारियों के साथ भी बातचीत शामिल हैं।

द्वीपों पर कब्जा करने में लगा चीन

पिछले कुछ महीनों में कई ऐसे रिपोर्ट्स आ चुके हैं, जिनमें कहा गया है, कि चीन दक्षिण चीन सागर के अलग अलग द्वीपों पर कब्जा कर रहा है और उन्हें सैन्य चौकियों की तरह इस्तेमाल करने की योजना तैयार कर रहा है। जिसको लेकर अमेरिकी विदेशी विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि, “दक्षिण चीन सागर में अपने विशाल और गैरकानूनी समुद्री दावों को लागू करने के नाम पर चीन नौवहन संबंधी अधिकारों और देशों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर रहा है, जो सभी राज्यों को प्राप्त हुए अधिकार हैं। हम पीआरसी के गैरकानूनी समुद्री दावों को असमान रूप से खारिज करते हैं और इस तरह के किसी भी हस्तक्षेप, और हम फिर से पीआरसी से अपने समुद्री दावों को अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक करने के लिए कहते हैं।” आपको बता दें कि, 2010 से चीन निर्जन द्वीपों को यूएनसीएलओएस के तहत लाने के लिए कृत्रिम द्वीपों में परिवर्तित कर रहा है और चीन ने पार्सल और स्प्रैटली पर हवाई पट्टी भी स्थापित की है।

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मछली पकड़ने के नाम पर द्वीपों पर कब्जा

चीनी सैनिक, मछली पकड़ने के नाम पर द्वीपों पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है और अमेरिका कृत्रिम द्वीपों पर चल रहे चीनी निर्माण की गंभीरता से आलोचना करता है। अमेरिका लगातार चीन की इन कार्रवाइयों को ‘रेत की महान दीवार’ बनाने की संज्ञा देता है। चीन पैरासेल द्वीप समूह सहित लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। हालांकि, ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इस क्षेत्र के अपने-अपने हिस्सों पर दावा करते हैं। माना जाता है, कि इन क्षेत्र में बहुमूल्य तेल और गैस के अकूत भंडार हैं और चीन इस संपत्ति को अकेले हड़पना चाहता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय कानून के हिसाब से इसपर सभी देशों का अधिकार है।

पेरासेल द्वीपों पर चीन कर चुका है कब्जा

पेरासेल द्वीपों पर चीन, ताइवान और वियतनाम दावा करते हैं और स्प्रैटली द्वीपों पर चीन, ताइवान, वियतनाम, ब्रुनेई और फिलीपींस दावा करते हैं, जबकि स्कारबोरो शोल पर फिलीपींस, चीन और ताइवान दावा करते हैं। अमेरिका ने कहा है कि, “इसको लेकर हम लगातार अपने सहयोगियों से बात करते हैं और हम आसियान समेत कुछ और अन्य संस्थानों, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी इन मुद्दों पर बात करते हैं और हम नजदीकी से कॉर्डिनेशन स्थापित करते हैं।” उन्होंने कहा कि, “हमारे सहयोगी और साझेदार नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था को संरक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं।” आपको बता दें कि, पिछले महीने दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी और चीनी फाइटर जेट्स आमने-सामने आ गये थे और अमेरिका ने इसकी कड़ी आलोचना की थी।

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