दो करोड़ लूट कांड के एक महिला सहित नौ गिरफ्तार, इन्वेस्ट के नाम पर इकट्ठा कराए पैसे, फिर रची इडी की साजिश
अनादि न्यूज़ डॉट कॉम,भिलाई। फर्जी इडी अधिकारी बनकर दुर्ग के चावल व्यापारी से दो करोड़ रुपये की लूट करने वाले एक महिला समेत नौ आरोपितों को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों ने दो करोड़ रुपये लूटने के लिए गहरी साजिश रची थी। पहले इन्वेस्ट के नाम पर विनीत तथा उसके साथियों से दो करोड़ रुपये इकट्ठा कराया, फिर अपने साथियों को इशारा कर लूट को अजांम दिया। इस मामले का मास्टर माइंड अहमद नामक बदमाश पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस ने सोने चांदी के जेवरात सहित एक करोड़ 43 लाख 55 हजार रुपये बरामद कर लिया है। घटना में प्रयुक्त चार पहिया वाहन भी जब्त किया गया है।
ऐसी रची गई साजिश
विनीत गुप्ता के बयान के हवाले से दुर्ग एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने बताया कि दुर्ग निवासी रविंद्र यादव से उसकी पुरानी जान- पहचान है। रविंद्र ने विनीत को एक प्लान सुझाया तथा डबल मुनाफा होने की बात कही। विनीत का मित्र अभिषेक पाटनी और विनीत 50-50 लाख रुपये इन्वेस्ट करने के लिए तैयार हो गए। जिस कंपनी में रकम इन्वेस्ट करना था उसके एजेंट गजानंद वैरागढ़े ने दो करोड़ रुपये इन्वेस्ट करने की शर्त रखी। कहा कि यदि आप लोग तैयार है तो कंपनी के आदमी को बुलाता हूं। इस बात पर विनीत गुप्ता, अभिषेक पाटनी, रविंद्र यादव तथा हरिशरण चाडप 50-50 लाख इन्वेस्ट करने को तैयार हो गए। दो करोड़ रुपये पांच बैग में रख दिए गए। तभी गजानंद वैरागढ़े ने नीचे गाड़ी में बैठे इंडस टावर लिमिटेड मुंबई के एजेंट गिरीश वालेचा को बुला लिया।
गिरीश ने केस चेक किया, तथा कहा कि आप लोगों का काम हो जाएगा। इसके बाद वह किसी से फोन पर बात करने लगा। तभी अचानक पांच लोग विनीत गुप्ता के दफ्तर में घुसे। खुद को इडी का अधिकारी बताने लगे। तथा यह कहते हुए धमकाने लगे कि तुम लोग मनी लांड्रिंग का काम करते हो। जांच के नाम पर विनीत गुप्ता तथा गिरीश वालेचा को काले रंग की स्कार्पियों गाड़ी में बैठकर ले जाने लगे। उसके पीछे एक और कार चल रही थी। सोमनी टोल प्लाजा के पास विनीत को उतार दिया और गिरीश को लेकर चले गए। तब विनीत को समझ में आया कि यह सब गिरीश वालेचा द्वारा रची गई साजिश है।
ऐसे खुला मामला, गूगल से मिली अहम जानकारी
दो करोड़ रुपये की लूट की खबर से दुर्ग पुलिस एक्टिव हो गई। दुर्ग भिलाई के सभी लाज, होटल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड खंगाले जाने लगे। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल टावर में मिलने वाले नंबर चेक किए जाने लगे। सीसीटीवी फुटेज से आरोपितों के महाराष्ट्र की तरफ जाने का संकेत मिलने लगा। पुलिस को अहम सबूत दुर्ग के होटल एवलान से मिला। वहां पुलिस को गिरीश वालेचा का आधार कार्ड मिल गया। पुलिस ने आधार कार्ड को गूगल में सर्च किया तो चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी। सितंबर 2022 में गिरीश ने अपने सात साथियों के साथ मिलकर सीबीआई अधिकारी बनकर गोरेगांव में इसी तरह की लूट की घटना को अंजाम दिया था। मामले में सभी की गिरफ्तारी हुई थी। दुर्ग पुलिस ने गोरेगांव पुलिस से संपर्क किया तब आरोपितों के बारे में एक-एक कर सारी जानकारी मिलती गई। पता चला कि आरोपित अब तक ऐसी पांच घटना को अंजाम दे चुके हैं। गैंग का मुख्य सरगना अहमद है, जो कभी पकड़ा नहीं गया था। पहली बार दुर्ग पुलिस के हत्थे चढ़ा।
एक सप्ताह तक मुंबई में डटी रही दुर्ग पुलिस
आरोपितों के बारे में अहम जानकारी मिलते ही दुर्ग एसपी ने पुलिस टीम बनाई। एएसपी सिटी संजय ध्रुव, सीएसपी दुर्ग वैभव बैंकर के नेतृत्व में छह टीमों ने लगातार गिरफ्तारी व रकम बरामदी का मुहिम चलाया। आइपीएस प्रभात कुमार, क्राइम डीएसपी राजीव शर्मा, एंटी क्राइम व सायबर प्रभारी संतोष मिश्रा की टीम ने मैदानी टीम को लगातार तकनीकि सहायता उपलब्ध कराई। दुर्ग पुलिस मुंबई में तकरीबन 25 सौ किलोमीटर का खाक छाना। गोरेगांव, नासिक व मुंबई पुलिस के सहयोग से एक-एक कर नौ आरोपितों को धर दबोचा गया। जिसमें एक महिला भी शामिल है।