अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, धर्मशाला। धंसती पहाडिय़ों और भूस्खलन की लगातार घटनाओं के बीच, सोमवार रात आचानक आए भूकंप का केंद्र जब धर्मशाला बना तो इसने न केवल यहां की जनता वल्कि प्रशासन की भी चिंता बढ़ा दी है। यह क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन पांच में आता है, जो इसे और भी खतरनाक बनाता है। लगातार री बारिश के कारण हो रहे भूस्खलन और सडक़ों के धंसने की खबरों ने लोगों को पहले से ही डरा रखा है। ऐसे में भूकंप के झटके ने उनकी घबराहट को और गहरा कर दिया है। अब लोग यह कह रहे हैं कि दोबारा ऐसे मौसम के बीच दोबारा कोई और बड़ा झटका न हो। इस साल हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर लगातार जारी है। राज्य भर में भूस्खलन, बाढ़ और अचानक हुई बारिश की घटनाओं ने जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। जगह-जगह सडक़ें बंद हैं, और कई घर असुरक्षित हो गए हैं।
इस आपदा के बीच, सोमवार की रात आए हल्के भूकंप ने लोगों को घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। हालांकि, भूकंप से किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इसने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि प्राकृतिक आपदाएं कभी भी आ सकती हैं। लगातार हो रही इन प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए स्थानीय प्रशासन भी चिंतित है। उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा का कहना है कि प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन के नियमों का पालन करने की अपील की है। विशेष रूप से, भूकंप के दौरान खुले मैदान में जाने और सुरक्षित स्थानों पर आश्रय लेने जैसे उपायों पर जोर दिया जा रहा है। इस सब के बीच, कांगड़ा घाटी के लोग एक दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं। उपायुक्त कांगड़ा हेम राज बैरवा का कहना है कि हालत को देखते हुए सभी विभगों को को दो दिनों के भीतर अभ्यास करने और आपदा के समय प्रयोग में लाई जाने वाली जरूरतों को तुरंत प्रभाव से पूरा किया जाए।





