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पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर कांवड़ यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, सीहोर: श्रावण मास में पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर आयोजित की जा रही ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए 5 अगस्त की रात सीहोर शहर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। आयोजकों के अनुमान से कई गुना अधिक भीड़ होने के कारण करीब सात लाख श्रद्धालु सीहोर पहुंचे थे। स्थिति यह हो गई कि शहर के सभी होटल, लॉज, धर्मशालाएं और निजी गेस्ट हाउस पूरी तरह से भर गए थे। श्रद्धालुओं की इस भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने भी सहयोग बढ़ाया और 6, 7 और 8 अगस्त को उज्जैन और सीहोर के बीच अनारक्षित विशेष ट्रेनें चलाईं।

रतलाम मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा के अनुसार ट्रेन संख्या 09309 उज्जैन से सुबह 11:50 बजे रवाना होगी और दोपहर 2 बजे सीहोर पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन संख्या 09310 सीहोर से दोपहर 3:10 बजे रवाना होगी और शाम 5:40 बजे उज्जैन पहुंचेगी वहीं, श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 69213 उज्जैन-इंदौर मेमू और 59319 उज्जैन-भोपाल पैसेंजर ट्रेनें आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है।

मंगलवार को मारपीट में दो महिलाओं की मौत के बाद भोपाल संभागायुक्त संजीव सिंह, कलेक्टर बालागुरु के., डीआईजी ओमप्रकाश त्रिपाठी और एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने कुबेरेश्वर धाम और कांवड़ यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। पूरे सीहोर शहर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है। नागरिक, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि श्रद्धालुओं की सेवा में लगे हुए हैं। जगह-जगह चाय, नाश्ता, भोजन, प्रसादी और पेयजल के स्टॉल लगाए गए हैं। सीवन नदी तट, गंगा आश्रम रोड, इंदौर नाका और चौपाल सागर जैसे स्थानों पर श्रद्धालु रात्रि विश्राम करते नजर आए।

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पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस आयोजन को महज एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि कलियुग में शिव युग की वापसी बताया। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर निवास करते हैं, इसीलिए इस मास में की गई पूजा-अर्चना और सेवा विशेष फलदायी होती है। भक्तों की सेवा करना सौभाग्य की बात है। यात्रा की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। सुरक्षा, चिकित्सा, यातायात और साफ-सफाई को लेकर अधिकारी पूरी सतर्कता से काम कर रहे हैं। ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा बुधवार सुबह नौ बजे शुरू हुई, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पंडित प्रदीप मिश्र स्वयं उपस्थित रहेंगे। यात्रा में सौ से अधिक ढोल, डमरू, झांकियां और डीजे शामिल होंगे, जिससे पूरा वातावरण उत्सव और भक्ति का संगम होगा।