अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बीरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में प्रसव के बाद 22 वर्षीय महिला साक्षी निषाद की मौत के मामले ने गंभीर मोड़ ले लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजना कुमार को निलंबित कर दिया है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, जांच में यह पाया गया कि डॉ. अंजना कुमार ने डिलीवरी के बाद आवश्यक चिकित्सकीय फॉलोअप नहीं किया। इसके अलावा रात के समय अस्पताल में कोई भी चिकित्सक ड्यूटी पर मौजूद नहीं था, जिससे महिला को समय पर इलाज नहीं मिल सका और उसकी मौत हो गई।

22 वर्षीय साक्षी निषाद की डिलीवरी CHC बीरगांव में 10 जून को हुई थी। परिजनों के अनुसार, डिलीवरी के लगभग 12 घंटे बाद रात 10 और 11 जून की दरमियानी रात साक्षी की तबीयत बिगड़ गई। अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं थे, और जबरन वार्ड ब्वॉय द्वारा इंजेक्शन और पानी पिलाया गया, जिसके बाद उसकी हालत और बिगड़ गई। कुछ देर में उसकी मौत हो गई। इस दौरान स्टाफ द्वारा परिजनों के साथ दुर्व्यवहार की भी शिकायत सामने आई है।
निलंबन आदेश की मुख्य बातें:
डॉ. अंजना कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
निलंबन अवधि में मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगी बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति।
नियमानुसार उन्हें निर्वाहन भत्ता (subsistence allowance) प्रदान किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीर लापरवाही मानते हुए कार्रवाई की है और संकेत दिए हैं कि आगे अन्य जिम्मेदार कर्मियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
जन आक्रोश और प्रतिक्रिया:
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और परिजनों में गहरा आक्रोश है। सामाजिक संगठनों और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। वहीं, प्रशासन का कहना है कि किसी भी तरह की चिकित्सकीय लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।





