अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, जगदलपुर: बस्तरिया राज मोर्चा ने बोधघाट परियोजना और कोत्तागुड़म–किरंदुल रेल मार्ग को लेकर विरोध जताया। संयोजक मनीष कुंजाम ने कहा, परियोजना से 56 गांव जलमग्न होंगे और आदिवासी संस्कृति पर असर पड़ेगा।
कुंजाम ने आरोप लगाया है कि यह परियोजना बस्तरवासियों के लिए नहीं, बल्कि खनन कंपनियों के हित साधने के लिए लाई जा रही है। बस्तर में प्रस्तावित रेल लाइन की मांग कभी स्थानीय लोगों ने नहीं की। सरकार इसे यहां के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के लिए ला रही है।
‘ जनता को नहीं मिलोगा बोधघाट परियोजना का फायदा’
मनीष कुंजाम ने बताया कि हाल ही में बैलाडीला के 13 नंबर पहाड़ का ड्रोन से सर्वे किया गया था, जिसे ग्रामीणों ने रोक दिया और सर्वे टीम के समान को जब्त कर लिया। उन्होंने दावा किया कि पहाड़ों को खनन के लिए खोदने में पानी की भारी जरूरत होगी और उसी जरूरत को पूरा करने के लिए बोधघाट परियोजना बनाई जा रही है। उनका कहना है कि इन योजनाओं से आयरन और अन्य खनिज तो निकाले जाएंगे, लेकिन इनका कोई फायदा बस्तर की जनता को नहीं मिलेगा।
रेल लाइव के सर्वे में मनमानी का आरोप
कुंजाम ने आरोप लगाया कि रेल लाइन का सर्वे बिना जनसहमति के मनमाने तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि क्या सरकार बस्तर में यूरेनियम की गुप्त जांच कर रही है, जो कानून का उल्लंघन है।