अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, पटना : बिहार के गया शहर को अब ‘गया जी’ के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि स्थानीय भावनाओं और शहर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने शहर का नाम बदलने के लिए सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया
“मैं नाम बदलने के इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए माननीय मुख्यमंत्री का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं और ‘गयाजी’ के सभी निवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।” भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह फैसला गया के धार्मिक महत्व को दर्शाता है। प्रसाद ने एक्स पर लिखा, “गया का नाम बदलकर ‘गयाजी’ करने का राज्य मंत्रिमंडल का फैसला स्वागत और गौरव की बात है। यह फैसला न केवल गया के धार्मिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि एनडीए सरकार की सनातन संस्कृति के प्रति समर्पण और धार्मिक स्थलों के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।” गया शहर अपने धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। पितृपक्ष के दौरान हर साल लाखों पर्यटक गया आते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं। गया प्राचीन मगध साम्राज्य का हिस्सा था। यह शहर फल्गु नदी के तट पर स्थित है। तीन पहाड़ियाँ मंगला-गौरी, श्रृंग-स्थान, राम-शिला और ब्रह्मयोनी इसे तीन तरफ से घेरे हुए हैं।
गया में सबसे आकर्षक स्थल विष्णुपद मंदिर है। यह मंदिर फल्गु नदी के तट पर स्थित है और इसमें बेसाल्ट के एक खंड में भगवान विष्णु के पदचिह्न उकेरे गए हैं। लोगों का मानना है कि भगवान विष्णु ने गयासुर की छाती पर पैर रखकर उसका वध किया था। बोधगया भी गया में ही स्थित है जो दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र बौद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यहीं पर एक बरगद के पेड़, बोधि वृक्ष के नीचे गौतम ने सर्वोच्च ज्ञान प्राप्त किया और बुद्ध बन गए