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भगवान राम से जुड़ा एक अद्भुत तीर्थस्थल

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, ज्योतिष न्यूज़: राजस्थान की राजधानी जयपुर, जहां हर किला, हर हवेली और हर मंदिर अपने अंदर इतिहास की अमूल्य धरोहर समेटे हुए है, वहीं इसी शहर की अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित गलता जी मंदिर एक ऐसी ही आध्यात्मिक और पौराणिक गाथा का केंद्र है। यह मंदिर न केवल अपनी भव्यता और प्राकृतिक छटा के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका संबंध भगवान श्रीराम से भी जुड़ा हुआ है, जो इसे रामभक्तों के लिए एक विशेष तीर्थ बना देता है।

प्राकृतिक सौंदर्य और अध्यात्म का अद्भुत संगम

जयपुर से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित गलता जी मंदिर अरावली की घाटियों में बसा हुआ है। चारों ओर पहाड़ों से घिरा यह स्थान प्राकृतिक झरनों, छोटी-छोटी जलधाराओं और शांत वातावरण से परिपूर्ण है। यहां एक प्राकृतिक कुंड भी है, जिसे “गलता कुंड” कहा जाता है और मान्यता है कि इसका जल कभी नहीं सूखता। यह कुंड धार्मिक दृष्टि से उतना ही महत्वपूर्ण है जितना हरिद्वार या पुष्कर के पवित्र सरोवर।

रामानुजाचार्य और तप की परंपरा

गलता जी मंदिर का एक गहरा रिश्ता रामानुजाचार्य संप्रदाय से भी है। माना जाता है कि श्रीराम के अनन्य भक्त और वैष्णव संत गालव ऋषि ने इस स्थान पर कठोर तपस्या की थी। ऋषि गालव के नाम पर ही इस स्थान का नाम “गलता” पड़ा। यह स्थल संतों और तपस्वियों की तपस्थली रहा है, और यहां कई वैष्णव परंपराओं का पालन आज भी वैसा ही होता है जैसा त्रेता युग में होता था।

श्रीराम से संबंध की पौराणिक मान्यता

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त की और अयोध्या लौटे, तो उन्होंने धरती के विभिन्न तीर्थ स्थलों में अपने चरण कमल रखे और वहां से आशीर्वाद दिया। ऐसा माना जाता है कि गलता जी भी उन्हीं स्थानों में से एक है जहां श्रीराम ने अपने पग रखे थे। इस मंदिर परिसर में रामलला की एक प्राचीन मूर्ति भी स्थित है, जिसे भक्त विशेष रूप से सावन और रामनवमी जैसे पर्वों पर पूजते हैं।

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हनुमान जी और श्रीराम का अटूट संबंध

गलता जी मंदिर परिसर में बालाजी (हनुमान जी) का भी एक विशाल और भव्य मंदिर स्थित है। हनुमान जी, जो स्वयं भगवान राम के अनन्य भक्त माने जाते हैं, यहां विशेष रूप से पूजनीय हैं। यह भी एक प्रमुख कारण है कि रामभक्त यहां बड़ी संख्या में आते हैं और गलता जी को श्रीराम की कृपा का स्थान मानते हैं।

राम नाम जप और भजन संध्या की परंपरा 

गलता जी मंदिर में आज भी राम नाम जप, कीर्तन और भजन संध्या का आयोजन प्रतिदिन होता है। श्रद्धालु यहां आकर भगवान श्रीराम के भजन गाते हैं, रामायण का पाठ करते हैं और रामचरित मानस की चौपाइयों में डूबकर अपने जीवन को धन्य मानते हैं। इस स्थल की दिव्यता और राम से जुड़ा भावात्मक संबंध श्रद्धालुओं को यहां खींच लाता है।

पर्वों और मेलों का आयोजन

हर वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर यहां विशाल मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से साधु-संत, वैष्णव अनुयायी और आम श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस दिन विशेष स्नान का आयोजन होता है, और गलता कुंड में डुबकी लगाकर लोग अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं। यह आयोजन भी श्रीराम के नाम की भक्ति से ओतप्रोत होता है।

आधुनिक युग में भी कायम है श्रीराम से आस्था का रिश्ता

हालांकि समय के साथ बहुत कुछ बदल गया है, लेकिन गलता जी मंदिर में रामभक्ति की परंपरा आज भी जीवित है। यहां आने वाले श्रद्धालु केवल दर्शनों के लिए नहीं, बल्कि अपने जीवन में राम के आदर्शों को अपनाने और आत्मिक शांति प्राप्त करने के उद्देश्य से आते हैं। यह स्थान उन लोगों के लिए भी प्रेरणा है, जो राम को केवल एक देवता नहीं बल्कि जीवन दर्शन मानते हैं।

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