अनादि न्यूज़

सबसे आगे सबसे तेज

देश

भारत की एक ऐसी जगह जहां से जिंदा वापस आना है नामुमकिन, वहां जाने पर सरकार ने भी लगा रखी है रोक

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, अंडमान-निकोबार  द्वीपसमूह में कुल 572 द्वीप हैं, जिनमें से केवल 38 द्वीप पर आबादी रहती है। शेष 534 द्वीप निर्जन हैं और घने जंगलों से आच्छादित हैं। इन द्वीपों में छह प्रमुख आदिवासी जनजातियां निवास करती हैं – ग्रेट अंडमानी, ओंगे, जारवा, सेंटिनली, निकोबारी और शोम्पेन। इन सभी में सेंटिनली जनजाति सबसे रहस्यमयी और अलग-थलग है, जिसने बाहरी दुनिया से कभी कोई संबंध नहीं बनाया।

सेंटिनली कौन हैं?

सेंटिनली आदिवासी नॉर्थ सेंटिनल द्वीप पर रहते हैं। इनकी जीवनशैली आज भी पाषाण युग (Stone Age) जैसी है। यह जनजाति न खेती करती है और न ही आधुनिक साधनों का उपयोग करती है। वे अपना जीवन शिकार, मछली पकड़ने और पेड़ों से फल-फूल एकत्र करने के सहारे जीते हैं। कपड़े न पहनने वाली यह जनजाति अपने पारंपरिक हथियारों जैसे तीर-धनुष और भाले से न केवल शिकार करती है, बल्कि किसी भी बाहरी व्यक्ति के आने पर हमला भी कर देती है।

भाषा और आबादी रहस्य

सेंटिनली लोगों की भाषा दुनिया की किसी भी भाषा से मेल नहीं खाती। अभी तक कोई भी व्यक्ति इस भाषा को समझने या बोलने में सफल नहीं हो पाया है। भारत सरकार का अनुमान है कि इनकी जनसंख्या 50 से 500 के बीच हो सकती है, लेकिन सही आंकड़ा किसी को पता नहीं क्योंकि वहां सीधा संपर्क असंभव है।

अफ्रीकी संबंध और इतिहास

आउट ऑफ अफ्रीका सिद्धांत (Out of Africa Theory) के अनुसार, आधुनिक मानव का जन्म लगभग 2-3 लाख साल पहले अफ्रीका में हुआ और लगभग 60-70 हजार साल पहले इंसानों का एक समूह अफ्रीका से निकलकर एशिया, यूरोप और अन्य महाद्वीपों में फैल गया।
आनुवंशिक अध्ययन बताते हैं कि सेंटिनली जनजाति संभवतः उन्हीं शुरुआती प्रवासियों में से है जो अफ्रीका से भारत पहुंचे थे। इसका अर्थ है कि इस जनजाति का इतिहास 60-70 हजार साल पुराना हो सकता है।

See also  मोरबी पुल हादसे में राजकोट के BJP सांसद के परिवार के 12 सदस्यों की मौत, बोले-दोषियों को नहीं बख्शेंगे

क्यों है इन्हें छूना मना?

भारत सरकार ने नॉर्थ सेंटिनल द्वीप को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर रखा है।

इसका कारण है कि सेंटिनली लोग बाहरी बीमारियों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं।

किसी भी तरह का संपर्क उनकी पूरी जनजाति के लिए जीवनघातक साबित हो सकता है।

साथ ही, ये लोग अपनी निजता और परंपराओं को बचाए रखना चाहते हैं।

निष्कर्ष

सेंटिनली जनजाति दुनिया की आखिरी अनकॉन्टैक्टेड ट्राइब्स (Uncontacted Tribes) में से एक है। ये आज भी मानव इतिहास की जीवित झलक हैं और उनकी अलग-थलग जीवनशैली आधुनिक समाज के लिए रहस्य बनी हुई है। भारत सरकार का मानना है कि उन्हें उनके हाल पर छोड़ देना ही उनके अस्तित्व को सुरक्षित रखने का सबसे सही तरीका है।