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राष्ट्रगान पर महबूबा मुफ्ती के बयान से सियासी हलचल।

‘मजबूरी में राष्ट्रगान का सम्मान करना पड़ रहा…,’ नेशनल एंथम पर महबूबा मुफ्ती के बयान से सियासी हलचल बढ़ी

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रगान को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर में लोगों को बंदूक के बल पर राष्ट्रगान के लिए खड़ा किया जा रहा है। साथ ही बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े न होना सरकार की नाकामी है।

पीडीपी चीफ ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया, जब मंगलवार (30 सितंबर) की शाम टीआरसी फुटबॉल मैदान में राष्ट्रगान बजने के दौरान बैठे दर्जनों युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। मंगलवार शाम श्रीनगर में एक पुलिस शहीद फुटबॉल टूर्नामेंट में 15 दर्शकों को हिरासत में लिया गया, क्योंकि वे कथित तौर पर राष्ट्रगान के दौरान खड़े नहीं हुए थे।

महबूबा मुफ्ती ने शहर के बघाट इलाके में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीजेपी ने इस जगह को ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया है जहां वे लोगों को बंदूक के बल पर राष्ट्रगान के लिए खड़े होने को मजबूर कर रहे हैं। मुझे अपना छात्र जीवन याद हैं, जब भी राष्ट्रगान बजता था, हम उसके सम्मान में खड़े होते थे। कोई जबरदस्ती नहीं की गई थी। यह उनकी विफलता है।

बैंड की कम आवाज के चलते नहीं समझ आया राष्ट्रगान

बंदियों के परिवारों ने इस घटना के लिए ‘धीमी और अस्पष्ट’ बैंड प्रस्तुति को ज़िम्मेदार ठहराया है, जिसके बारे में उनका दावा है कि दर्शकों को राष्ट्रगान शुरू होने का पता ही नहीं चला। पुलिस शहीद फुटबॉल टूर्नामेंट का फाइनल, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हुए, श्रीनगर के टीआरसी स्थित सिंथेटिक टर्फ फुटबॉल ग्राउंड में हुआ था।

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जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से कोई जवाब नहीं

सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने के प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने के कारण उन्हें हिरासत में लिया गया है। राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971, राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज के जानबूझकर अनादर करने पर प्रतिबंध लगाता है। हालांकि, अभी तक जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि या बयान जारी नहीं किया गया है।