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राहुल गांधी ने पीएम को लिखा पत्र, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सरकार से संसद के आगामी मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए कानून लाने का आग्रह किया। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखा, “हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह संसद के आगामी मानसून सत्र में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधेयक लाए।”

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कई मौकों पर राज्य का दर्जा बहाल करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहरा चुके हैं। “आपने कई मौकों पर व्यक्तिगत रूप से राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। 19 मई 2024 को भुवनेश्वर में अपने साक्षात्कार में आपने कहा था: “राज्य का दर्जा बहाल करना हमारा एक गंभीर वादा है और हम इस पर कायम हैं।” फिर, 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए आपने फिर से पुष्टि की: “हमने संसद में कहा है कि हम इस क्षेत्र का राज्य का दर्जा बहाल करेंगे,” कांग्रेस सांसद ने कहा। जम्मू-कश्मीर के लोगों की राज्य की मांग पर जोर देते हुए विपक्ष के नेता ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी राज्य का दर्जा घटाकर केंद्र शासित प्रदेश कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, “पिछले पाँच वर्षों से जम्मू-कश्मीर के लोग लगातार पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की माँग कर रहे हैं। यह माँग जायज़ भी है और उनके संवैधानिक व लोकतांत्रिक अधिकारों पर पूरी तरह आधारित है।” उन्होंने कहा, “यह पहली बार है जब किसी पूर्ण राज्य को विभाजन के बाद केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया है। अगस्त 2019 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया, जिससे जम्मू और कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा प्रभावी रूप से समाप्त हो गया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया ।

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इसके अतिरिक्त, राहुल गांधी ने सरकार से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए कानून लाने का भी अनुरोध किया । उन्होंने कहा कि यह कदम लद्दाख के लोगों की सांस्कृतिक, विकासात्मक और राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करेगा।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा, “हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए कानून लाए। यह लद्दाख के लोगों की सांस्कृतिक, विकासात्मक और राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा , साथ ही उनके अधिकारों, भूमि और पहचान की रक्षा भी होगी।”

संविधान की छठी अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित प्रावधान हैं। छठी अनुसूची कुछ जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन का प्रावधान स्वायत्त संस्थाओं के रूप में करती है।