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वट सावित्री व्रत पर पूजा की सामग्री और किस स्तोत्र का पाठ करें

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली। वट सावित्री व्रत सोमवार 26 मई को मनाया जाएगा। इस पावन अवसर पर मृत्यु के देवता यमराज और जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत के पुण्य से व्रती की हर मनोकामना पूरी होती है।

धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन व्रत रखने और वट वृक्ष की पूजा करने से व्रती को मनचाहा वरदान मिलता है।साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं तो वट सावित्री व्रत के दिन पूजा के दौरान शिव रक्षा स्तोत्र और श्रीहरि स्तोत्र का पाठ जरूर करें।

हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। वट सावित्री का व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन वट वृक्ष यानी बरगद पेड़ की पूजा का विधान है। इसके साथ ही वट सावित्री के दिन बरगद पेड़ के नीचे सावित्री माता और सत्यवान की कथा भी सुनी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यम देव ने सावित्री माता के पति सत्यवान के प्राणों को वट वृक्ष के नीचे ही लौटाया था। साथ ही देवी सावित्री को 100 पुत्रों का आशीर्वाद भी दिया था। इसलिए वट सावित्री के दिन बरगद पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। तो आइए अब जानते हैं कि वट सावित्री व्रत में किन-किन पूजा सामग्री की जरूरत पड़ती है।

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वट सावित्री व्रत 2025 डेट और मुहूर्त:

इस साल वट सावित्री का व्रत 26 मई 2025 को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर होगा। अमावस्या तिथि का समापन 27 मई को सुबह 8 बजकर 31 मिनट पर होगा।

वट सावित्री व्रत संपूर्ण पूजा सामग्री लिस्ट:

कलावा, कच्चा सूत, बांस का पंखा, रक्षासूत्र, पान का पत्ता श्रृंगार का सामान (लाल चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, काजल, आलता, कंघी, मेहंदी, लाल रंग की साड़ी) काला चना भिगोया हुआ नारियल, बताशा, फल वट सावित्री व्रत कथा की किताब सावित्री और सत्यवान की फोटो धूप, मिट्टी का दीपक, अगरबत्ती, पूजा की थाली या टोकरी, सवा मीटर लाल या पीला कपड़ा सिंदूर, रोली, अक्षत, कुमकुम, चंदन, सुपारी, फूल पानी का कलश, मिठाई सात प्रकार का अनाज वट वृक्ष नहीं है आसपास तो वट वृक्ष की शाखा