अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के कृषि विभाग ने किसानों के लिए उन्नत कृषि पद्धति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘तरल नैनो डी.ए.पी. (8:16:0)’ के उपयोग का व्यापक प्रचार शुरू कर दिया है। प्रचार बैनर के माध्यम से बताया गया है कि यह उर्वरक अब सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और इसका उपयोग पारंपरिक डी.ए.पी. के मुकाबले अधिक लाभकारी सिद्ध हो सकता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें प्रमुख हैं, जिससे केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त पहल का संकेत मिलता है। यह उर्वरक वैज्ञानिक तकनीक पर आधारित है जो फसलों को उचित पोषण और बेहतर परिणाम प्रदान करता है।
क्या है नैनो डी.ए.पी.?
नैनो डी.ए.पी. एक तरल रूप में उपलब्ध अत्याधुनिक उर्वरक है, जिसे पारंपरिक दानेदार डी.ए.पी. की तुलना में कम मात्रा में अधिक प्रभावी बताया गया है। प्रचार में बताया गया है कि:
पारंपरिक 25 किलो डी.ए.पी. के स्थान पर केवल 500 मि.ली. नैनो डी.ए.पी. का उपयोग पर्याप्त है।
इससे 1350 रु. की तुलना में केवल 1275 रु. का खर्च आता है।
इसका अर्थ है कि किसानों को खर्च में बचत और उपज में वृद्धि दोनों का लाभ मिलेगा।
मुख्य लाभ:
उचित पोषण, बेहतर परिणाम
बचत भी, उपज भी
वैज्ञानिक तकनीक आधारित समाधान
कम कीमत में ज्यादा प्रभाव
उपलब्धता:
यह नैनो डी.ए.पी. अब सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को सरकारी दरों पर उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ ले सकें।