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सरकार के फैसले से साफ हुआ: स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरें क्यों नहीं बढ़ीं।

Small Saving Schemes Interest Rates

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, Small Saving Schemes Interest Rates: अगर आप अपनी बचत को सुरक्षित निवेश का रूप देने के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम (Small Saving Schemes) का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए राहत की खबर है. वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर से दिसंबर 2025 तिमाही के लिए इन योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा की और कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है. यानी, सभी स्कीम की ब्याज दरें पहले जैसी ही बनी रहेंगी.

क्यों नहीं बदली ब्याज दरें? (Small Saving Schemes Interest Rates)

हाल ही में रेपो रेट में 1% कटौती हुई है और सरकारी बॉन्ड यील्ड्स भी घटे हैं। आमतौर पर स्मॉल सेविंग स्कीम की दरें इन्हीं पर निर्भर करती हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें स्थिर रखने का फैसला किया है। इससे करोड़ों छोटे निवेशकों को स्थिरता और भरोसा मिलेगा।

आखिरी बार कब हुए थे बदलाव? (Small Saving Schemes Interest Rates)

पिछली बार इन स्कीम्स की ब्याज दरों में बदलाव जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही में किया गया था. उस समय:

  • 3 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दर 7% से बढ़ाकर 7.1% कर दी गई थी.
  • सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) की ब्याज दर 8% से बढ़ाकर 8.2% कर दी गई थी.
    बाकी स्कीम्स की ब्याज दरें उसी समय से स्थिर बनी हुई हैं.

फिलहाल लागू ब्याज दरें (अक्टूबर-दिसंबर 2025)

  • सेविंग डिपॉजिट : 4%
  • 1 साल की FD : 6.9%
  • 2 साल की FD : 7%
  • 3 साल की FD : 7.1%
  • 5 साल की FD : 7.5%
  • रिकरिंग डिपॉजिट (RD) : 6.7%
  • सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) : 8.2%
  • मंथली इनकम स्कीम (MIS) : 7.4%
  • नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) : 7.7%
  • पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) : 7.1%
  • किसान विकास पत्र (KVP) : 7.5%
  • सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) : 8.2%
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निवेशकों के लिए क्या मायने? (Small Saving Schemes Interest Rates)

स्मॉल सेविंग स्कीम्स को आमतौर पर मिडिल क्लास और लोअर इनकम ग्रुप के लोग ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इनमें –

  • जी सुरक्षित रहती है.
  • छोटे अमाउंट से भी निवेश शुरू किया जा सकता है.
  • बैंकिंग से इतर भरोसेमंद रिटर्न मिलता है.ब्याज दरों में स्थिरता का मतलब है कि निवेशक बिना किसी जोखिम के अपने पैसों पर पहले जैसी ही कमाई जारी रख सकेंगे.

वित्त मंत्रालय के इस फैसले से साफ है कि सरकार चाहती है कि छोटे निवेशकों के हित सुरक्षित रहें. स्मॉल सेविंग स्कीम्स में ब्याज दरों को बरकरार रखकर मिडिल क्लास परिवारों को एक भरोसेमंद निवेश विकल्प मिलता रहेगा.