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हाउसिंग बोर्ड में चल रहा वर्षो से घोटाले से जुड़ी फाइल गायब करने का नया खेल

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर। छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड से जुड़े एक बड़े घोटाले की परतें एक बार फिर उधड़ती नजर आ रही हैं। हाउसिंग बोर्ड अपने नित नए-नए कारनामें से हमेशा सुर्खियों बना रहता है। सरकार किसी भी राजनीतिक पार्टी के हो अपनी कारस्तानी से चौकाने वाले कारनामें को अंजाम दे रहा है। राजधानी रायपुर से सामने आया एक पुराना पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। यह वीडियो कथित रूप से हाउसिंग बोर्ड कार्यालय में ताला तोडक़र महत्वपूर्ण जांच फाइलों की चोरी को उजागर करता है। बताया जा रहा है कि यह घटना ताल पूरी घोटाले, हिमालयन हाइट्स प्रोजेक्ट और अभिलाषा परिसर बिलासपुर से संबंधित फाइलों की गायब होने से जुड़ी हुई है।

हाउसिंग बोर्ड के दो कर्मचारी-एक सब इंजीनियर सनी और एक स्थायी चपरासी मिलकर तत्कालीन जांच अधिकारी बाजवा के बरसों से बंद पड़े कार्यालय का ताला तोड़ते हैं। इसके बाद वे कपड़े के बस्ते में फाइलें समेटते हैं और उन्हें अज्ञात स्थान पर ले जाते हैं। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो और ऑडियो रिकॉर्ड अब सामने आया है, जिसे लोक आयोग में भी प्रस्तुत किया गया है।

ताल पूरी जाँच कमेटी की संपूर्ण रिपोर्ट हिमालयन हाइट्स की जाँच की संपूर्ण रिपोर्ट अभिलाषा परिसर बिलासपुर की जाँच की संपूर्ण रिपोर्ट बाजवा के रूम में सुरक्षित पड़ी थी सब इंजीनियर और चपरासी मिलकर कैसे ताला तोड़ कपड़े के बस्ते में फ़ाइल समेटकर कहाँ ले जा रहे इस वक़्त फ़ाइल हाउसिंग बोर्ड के किसी भी पास नहीं होना बताया जा रहा है फ़ाइल कई गुम होना बताया जा रहा है फ़ाइल अगर चोरी हुई है तो यह पु ता सबूत वीडियो है एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हो रही है

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घोटाले से जुड़ा पूरा मामला

यह वीडियो हाउसिंग बोर्ड के भ्रष्ट अधिकारियों के जांच संबंधि रिपोर्ट थी तत्कालीन एमडी पनरिया और अधिकारी हर्ष कुमार जोशी के निर्देशन में चोरी/गायब किए जाने का शक यही दो अधिकारियों पर जाता है। आरोप है कि इन दोनों अधिकारियों के संरक्षण में यह पूरी घटना घटित हुई। इन अधिकारियों पर यह भी आरोप है कि वे ही इन फाइलों को गायब कराने के पीछे हैं, ताकि घोटाले से जुड़ी अहम जानकारियों और दस्तावेज़ों को मिटाया जा सके। वीडियो की जांच में सारी सच्चाई सामने आईएगी।

वीडियो में जो श स फाइल चुरा रहा है, उसकी पहचान के बाद जांच एजेंसियों के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वह यह पता लगाएं कि फाइलें आखिरकार कहाँ छिपाई गईं या नष्ट की गईं। चौंकाने वाली बात यह है कि जिन फाइलों की चोरी हुई है, वे आज भी हाउसिंग बोर्ड के किसी भी विभाग में उपलब्ध नहीं हैं, और उन्हें गुम घोषित कर दिया गया है।