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16वें वित्त आयोग ने की राज्य के वित्तीय प्रबंधन की सराहना

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, देहरादून : उत्तराखंड के दौरे पर आए 16वें वित्त आयोग ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन की प्रशंसा की है। आयोग के अध्यक्ष डॉ . अरविंद पनगढ़िया ने कहा, “किसी भी विकासशील राज्य में अगर संतुलित राजकोषीय घाटा है तो यह बुरी स्थिति नहीं है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह घाटा न बढ़े।” संतुलित राजकोषीय घाटा तब होता है जब सरकार का कुल व्यय, उधार को छोड़कर, उसके कुल राजस्व के बराबर होता है। इसका मतलब है कि सरकार अपनी आय से ज़्यादा खर्च नहीं कर रही है और न ही कर्ज जमा कर रही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ . अरविंद पनगढ़िया और अन्य सदस्यों के साथ बैठक में राज्य की वित्तीय स्थिति, चुनौतियों और विकास आवश्यकताओं पर राज्य का पक्ष विस्तार से प्रस्तुत किया। सोमवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय अच्छी है। यह राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसे और बढ़ाया जा सकता है।

2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.9% (12,605 करोड़ रुपये) रहने का लक्ष्य है। संशोधित अनुमान के अनुसार, 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.5% रहने की उम्मीद है, जो जीएसडीपी के 2.4% के बजट अनुमान से अधिक है।

2025-26 के लिए उत्तराखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (वर्तमान मूल्यों पर) 4,29,308 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 13% अधिक है। 2025-26 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) 75,170 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 9% अधिक है। इसके अलावा, राज्य द्वारा 26,006 करोड़ रुपये का ऋण चुकाया जाएगा।

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2025-26 के लिए प्राप्तियां (उधार को छोड़कर) 62,565 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान की तुलना में 6% अधिक है। वर्ष 2025-26 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 0.6% (2,586 करोड़ रुपये) रहने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2024-25 में संशोधित अनुमान स्तर पर राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 0.8% (2,852 करोड़ रुपये) रहने का अनुमान है।