अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, महासमुंद। छत्तीसगढ़ शासन की रजिस्ट्री की दस नई क्रांतियों पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में सांसद रूपकुमारी चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। कार्यशाला में जिला पंचायत अध्यक्ष मोगरा पटेल, जनपद अध्यक्ष बसना डिलेश्वरी निराला, जनपद सदस्य विजयलक्ष्मी जांगड़े, कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू, जिला पंजीयक रूपाली बोस एवं राजस्व एवं पंजीयन विभाग के अधिकारी, स्टाम्प वेंडर शामिल हुए।
इससे रजिस्ट्री की 10 क्रांतियों से आमजनों एवं किसानों को त्वरित लाभ मिलेगा। रजिस्ट्री, नामंतरण में जो समस्या आती थी उसे दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 10 क्रांति लाई है जिससे पारदर्शी ढंग से रजिस्ट्री का कार्य पूर्ण होगा। राजस्व से जुड़े कार्यों के लिए अब लोगों को कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। पंजीयन के साथ अब नामांतरण का कार्य भी तत्काल होगा। उन्होंने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड में त्रुटि का असर भूमिस्वामी पर पड़ता है, अब लोगों को इन समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। रजिस्ट्री, नामंतरण एवं अन्य समस्याओं का हल निकालने सरकार का बेहतर प्रयास है। सरलीकरण एवं सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है। इससे नामांतरण की प्रक्रिया आसान हो जाएगा तथा साथ ही नागरिक डिजीलॉकर में सारे दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि पारिवारिक दान, हक त्याग और बंटवारे पर पंजीयन शुल्क केवल 500 रुपए में होगा।
आधार आधारित प्रमाणीकरण सुविधा – पंजीयन साफ्टवेयर को आधार लिंक किया गया है, पंजीयन के समय क्रेता-विक्रेता एवं गवाहों की पहचान आधार रिकार्ड के माध्यम से की जाएगी जिससे गलत व्यक्ति को खड़े कराकर पंजीयन नही हो सकेगा। आम जनता को फर्जीवाडे का शिकार नही होना पड़ेगा।
ऑनलाईन सर्च एवं डाउनलोड की सुविधा – आम आदमी वर्षों की जमा पूंजी लगाकर स्वयं का घर खरीदते है, इसलिए संपत्ती खरीदने से पहले पूरी जांच पड़ताल आवश्यक है। अभी रजिस्ट्री की जानकारी के लिए पंजीयन कार्यालय में स्वयं या वकील के माध्यम से उपस्थित होकर सर्च करना पड़ता है, ऑनलाईन सर्च का प्रावधान होने से खसरा नंबर डालते ही उस खसरे के पूर्व के समस्त लेनदेन की जानकारी एक क्लिक पर प्राप्त हो सकेगी।
भारमुक्त प्रमाण पत्र की सुविधा – भार मुक्त प्रमाण पत्र एक बहुत ही आवश्यक प्रमाणपत्र है जो संपत्ति खरीदने के पूर्व उसकी जानकारी उपलब्ध कराता है। यह प्रमाणपत्र अब आनलाइन ही प्रदाय किया जा सकेगा।
एकीकृत कैशलेस भुगतान की सुविधा- पहले रजिस्ट्री कराने के लिए स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का अलग अलग जगह और समय पर भुगतान करना पड़ता था। अब स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क को एक साथ लिये जाने के लिए एकीकृत कैशलस सिस्टम तैयार किया गया है। स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क का एकसाथ सुविधानुसार क्रेडिट डेबिट कार्ड, पी०ओ०एस० मशीन, नेट बैंकिंग अथवा यू०पी०आई से फीस का भुगतान हो सकेगा।
व्हाट्सएप मैसेज सर्विसेज – व्हाट्सएप आज के समय में सर्वाधिक उपयोग हो रहा सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। पंजीयन कराने वाले क्रेता-विक्रेता को अपॉइंटमेंट सहित पंजीयन होने तक सभी प्रकार के अपडेट एवं एलर्ट व्हाट्सएप में ही प्राप्त होंगे। रजिस्ट्री की प्रति भी व्हाट्सएप से ही डाउनलोड हो जायेगी। इस सुविधा के माध्यम से फीडबैक एवं शिकायतें भी व्हाट्सएप के माध्यम से की जा सकेंगी।
डिजीलॉकर की सुविधा – रजिस्ट्री दस्तावेजों को डिजिलॉकर में सुरक्षित स्टोर किया जाएगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर पक्षकार को आसानी से डिजीटल प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध हो जाए।
आटो डीड जनरेशन की सुविधा – जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपर लेस बनाया गया है। ऑनलाईन दस्तावेज प्रारूप का चयन कर पक्षकार और संपत्ति विवरण दर्ज करने पर स्वतः ही दस्तावेज तैयार हो जाएगा। वही दस्तावेज पेपरलेस होकर उप पंजीयक को ऑनलाइन प्रस्तुत होगा।
डिजीडॉक्यूमेंट की सुविधा – कुछ दस्तावेज जिसमें स्टाम्प लगाना आवश्यक है, परन्तु पंजीयन अनिवार्य नही है जैसे कि शपथ पत्र, अनुबंध पत्र ।इनका प्रारूप ऑनलाईन डिजीडॉक्यूमेंट से तैयार कर स्टाम्प शुल्क भी डिजिटल रूप से चुकाया जा सकेगा। दस्तावेज तैयार करने और स्टाम्प के लिए अलग-अलग जगह जाने की आवश्यकता नहीं है।
घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा – जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपरलेस किया गया है। दस्तावेज का प्रारूप चयन करने से ऑनलाइन दस्तावेज तैयार हो जाएगा स्टाम्प और पंजीयन फीस ऑनलाइन चुकाकर पक्षकार पंजीयन के लिए अपॉइंटमेंट लेकर घर बैठे ही आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से पंजीयन करा सकेंगे। रजिस्ट्री पूर्ण होते ही दस्तावेज स्वतः ही ऑनलाइन प्राप्त हो जाएगा।
स्वतः नामांतरण की सुविधा इत्यादि – अचल संपत्ति खरीदने के लिए पंजीयन कराया जाता है। उसके बाद उसे राजस्व रिकार्ड में अद्यतन कराना पड़ता हैं, नामांतरण की इस प्रक्रिया में महीने लग जाते थे, इस बीच वही संपत्ति अन्य को बेच दिये जाने पर पीड़ित पक्षकारों को न्याय के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ता है। अब पंजीयन के तुरंत बाद ही स्वतः नामांतरण होने से न केवल समय की बचत होगी बल्कि आम जनता को फर्जीवाडे का शिकार भी नही होना पड़ेगा।





