अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, विज्ञान: मंगल ग्रह अपने रहस्यों से वैज्ञानिकों को हमेशा हैरान करता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर को मंगल ग्रह पर डायनासोर के अंडों के निशान मिले हैं। दरअसल, ये निशान वहाँ की चट्टानों पर हैं। चट्टानें डायनासोर के अंडों जैसी दिखती हैं। क्यूरियोसिटी रोवर की इस खोज ने वैज्ञानिकों की उत्सुकता बढ़ा दी है।
यह खोज माउंट शार्प की ढलानों पर गेडेस वैलिस रिज के ‘द बॉक्सवर्क्स’ नामक क्षेत्र में हुई है। मंगल ग्रह की इन चट्टानों में शिराओं जैसी दरारें और उभार हैं, जो इस ग्रह के अतीत की याद दिलाते हैं, जब यहाँ कभी नदियाँ और झीलें बहती थीं। इनकी परतदार संरचना और उभरी हुई आकृतियाँ इस बात का संकेत देती हैं कि कभी यहाँ नमी थी, जो धीरे-धीरे सूख गई।
वैज्ञानिक इसकी जाँच कैसे कर रहे हैं?
दरअसल, क्यूरियोसिटी रोवर अपने उच्च तकनीक वाले उपकरणों से मंगल ग्रह की सतह की गहन जाँच कर रहा है। मास्टकैम से क्षेत्र की तस्वीरें ली जा रही हैं। साथ ही, केमकैम चट्टानों की रासायनिक संरचना का विश्लेषण कर रहा है। इसके अलावा, सतह की सूक्ष्म संरचना को पकड़ने के लिए MAHLI और APXS जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
खास बात यह है कि वैज्ञानिक इन बॉक्सनुमा चट्टानों की तुलना पृथ्वी पर होने वाली जलतापीय प्रक्रियाओं से कर रहे हैं, जहाँ गर्म पानी और खनिजों की गतिविधियों से अनोखी संरचनाएँ बनती हैं। इससे मंगल ग्रह के प्राचीन इतिहास का पता चलता है।
इस मिशन का अगला चरण क्या होगा?
नासा का क्यूरियोसिटी रोवर अभी यहीं रुकेगा और शिराओं और दरारों का विश्लेषण करेगा। इसके बाद, यह कुकनान की ओर बढ़ेगा, जहाँ और भी परतदार चट्टानें देखी जा सकती हैं। क्यूरियोसिटी रोवर का हर कदम वैज्ञानिकों की इस तस्वीर को पुख्ता करता है कि प्राचीन मंगल ग्रह का विकास कैसे हुआ। रोवर की यह खोज अतीत में जीवन की संभावना को लेकर नए सवालों को जन्म देती है। क्या इन चट्टानों को आकार देने वाले तरल पदार्थों ने कभी सूक्ष्मजीवों को पोषित किया होगा? फ़िलहाल, इसका जवाब पत्थर में ही छिपा है।





