CG News: बाढ़ में लाखों की मक्का फसल बर्बाद, किसानों ने मुआवजे की मांग की।

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, गरियाबंद में बरही नदी के बाढ़ से अमाड़ गांव के 9 से अधिक किसानों की 15 एकड़ में 6 लाख रुपए की मक्का और धान की फसल बर्बाद हो गई। किसानों को 2 लाख रुपए से ज्यादा के कर्ज चुकाने की चिंता सताने लगी। देवभोग के अमलीपदर तहसील में नदी-नाले के किनारे बोई गई 100 एकड़ से अधिक मक्का की फसल 40 लाख रुपए का नष्ट हो गया।
मानसून विदाई के बाद भी लगातार चार दिनों तक मूसलाधार बारिश ने किसानों की फसल बर्बाद कर दी है। बारही नदी के तट पर अमाड़ ग्राम के 9 से ज्यादा छोटे किसान—मोहन बीसी, शत्रुघ्न नागेश, तुलसी नागेश, गणेश पौंड, पुस्तम, लक्ष्मण, नरेश, विनोद—ने लगभग 15 एकड़ में मक्का की खेती की थी। इसके लिए उन्होंने करीब 2 लाख रुपए का साहूकारी कर्ज भी लिया था। फसल इस बार अच्छी थी और अक्टूबर में तुड़ाई की योजना थी, लेकिन शनिवार को आई बाढ़ ने सब कुछ चौपट कर दिया। तेज बहाव से सारे पौधे टूट गए और किसानों की मेहनत बर्बाद हो गई। देवभोग और अमलीपदर तहसील के अन्य क्षेत्रों में भी नदी-नाले के किनारे 40 लाख रुपए की मक्का फसल नुकसान में गई है।
साहूकारी कर्ज चुकाने की चिंता, किसानों ने की मुआवजे की मांग

बर्बादी के दुख से दुखित कृषक मोहन और पुस्तम ने बताया कि दूध भरे मक्के को तोड़ बाजार में कच्चे बेचने की तैयारी कर रहे हैं, पर इससे उनका मुलधन भी नहीं निकलेगा. कृषकों ने कहा कि खाद बीज और गुड़ाई के लिए उन्होंने ने 2 से 5 फीसदी ब्याज दर पर साहूकारी कर्ज लेकर आए हुए हैं, मुनाफा तो दूर रहा अब कर्ज चुकाना भी मुश्किल हो जाएगा. कृषकों ने इस आपदा में हुए नुकसान के लिए फसल क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे है.
ओडिसा और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाला पुल बना बर्बादी का कारण
नवरंगपुर जिले के चंदहांडी ब्लॉक के लोगों को कालाहांडी से जोड़ने ओडिसा सरकार ने 10 साल पहले 30 मीटर बॉक्स कल्वर्ट पुल का निर्माण कराया. इससे खपराडीह होकर अमाड होते देवभोग के रास्ते कालाहांडी जाना ओडिसा वासियों के लिए आसान हो गया. पुल का स्ट्रक्चर छत्तीसगढ़ के भू भाग में बनाया गया. शुरआत से ही किसान इस पुलिया निर्माण का विरोध कर रहे थे पर उनकी किसी ने नहीं सुनी. जब जब नदी में बाढ़ आता है, छत्तीसगढ़ के किसानों को अपनी फसल गंवाकर ओडिसा वासियों के सुविधा के लिए कीमत चुकानी पड़ती है.
100 एकड़ से ज्यादा फसल बर्बाद

इस बारिश ने न केवल बरही नदी बल्कि देवभोग तहसील क्षेत्र में अन्य नदी नाले किनारे मौजूद 100 एकड़ से ज्यादा रकबा में बोए मक्का, धान और सब्जी बाड़ी में 40 लाख से ज्यादा के फसल बर्बाद किया है. पीड़ित किसानों ने इसे प्राकृतिक आपदा घोषित कर उचित मुआवजा और फसल क्षतिपूर्ति देने की मांग किया है.
देवभोग के तहसीलदार अजय कुमार चंद्रवंशी ने जानकारी दी कि लगातार बारिश के बाद फसल,मकान के क्षतिग्रस्त होने की सूचना आ रही है. उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर पटवारियों की टीम गठित कर हल्का वार नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट ऊपर भेजा जाएगा.
बाढ़ की इन तस्वीरों ने भी चौकाया
त्रिवेणी संगम लबालब होने के बावजूद जान जोखिम में डाल कर लोग सेल्फी और रिल बनाते नजर आए. दूसरी ओर देवभोग तहसील मुख्यालय तक पहुंचने वाले इकलौते मार्ग पर स्थित बेलाट नाला पर आवाजाही की जानलेवा मजबूरी भी स्पष्ट नजर आ रहा.इस नाले के बहाव में पार करते हुए पिछले तीन दिनों में दर्जनों हादसे हो गए.सुरक्षा के कोई इंतजामात भी नहीं.लोग अपने से ही संभल जा रहे.





