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Chhath Puja 2022 Kharna: कब है ‘खरना’? जानिए महत्व और सूर्योदय-सूर्यास्त का टाइम

When is Kharna: छठ पूजा के दूसरे दिन खरना होता है, इस दिन व्रती लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक निर्जल व्रत रखते हैं फिर सूर्य देवता और छठी मैय्या का पूजन करने के बाद सूर्यास्त होने पुर गुड़, चावल की खीर और आटे की रोटी या पुड़ी खाते हैं। ये खाना मिट्टी के नये चूल्हे पर आम की लकड़ी से बनाया जाता है। आपको बता दें कि खरना का मतलब ही होता है ‘शुद्धिकरण’। खीर और आटे की रोटी खाने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है जो कि सूरज को अर्ध्य देने के बाद ही खोला जाता है।

खरना को ‘लोहंडा’ भी कहते हैं और इस दिन बनने वाली खीर को ‘रसिया’ भी बोला जाता है। मिट्टी के चुल्हे पर खीर बनाने का आशय केवल शुद्दता से है क्योंकि मिट्टी से पवित्र तो कुछ होता नहीं है। खरना का मकसद कठिन व्रत से पहले तन और मन को शुद्ध रखना होता है। सूर्यदेव की अराधना करने के बाद व्रती ही सबसे पहले प्रसाद ग्रहण करता है और उसके बाद ही वो प्रसाद अन्य लोगों में बांटा जाता है।

मालूम हो कि छठ ही हिंदू धर्म की अकेली पूजा है, जिसमें मूर्ति पूजा नहीं होती है और साथ ही इस व्रत में डूबते सूरज और उगते हुए सूरज दोनों को अर्ध्य दिया जाता है।आपको बता दें कि सूर्य नवग्रहों के राजा हैं, जिनकी अराधना करने से इंसान को हर सुख, यश और शक्ति की प्राप्ति होती है और वो हमेशा सूर्य की तरह चमकता रहता है।

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सूरज को प्रकृति का साक्षात देवता कहा जाता है, जिनके बिना ब्रह्मांड की रचना ही नहीं होती है। उनके रथ में सात घोड़े हैं, जो कि जोश, ऊर्जा , प्रेम, त्याग, शक्ति, नेकी और सत्य का प्रतीक हैं। इसलिए जो कई भी सूर्य देव की पूजा सच्चे मन से करता है उन्हें इन सारी बातों की प्राप्ति होती है।

तो वहीं षष्ठी माता या छठ माता को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री और सूर्यदेव की बहन माना जाता है, जो कि बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करती हैं और इसलिए उनकी पूजा करने से निसंतान लोगों की गोद भर जाती है और जिनके बच्चे हैं उनके बच्चे स्वस्थ रहते हैं और तरक्की करते हैं। कुल मिलाकर छठ पूजा तन-मन को मजबूत बनाने का पर्व है, जो त्याग और संयम का पाठ पढ़ाता है।

चतुर्थी तिथि सुबह 08:13 AM पर प्रारंभ होगी इस बार खरना 29 अक्टूबर को है। इस दिन चतुर्थी तिथि सुबह 08:13 AM पर प्रारंभ होगी तो और 30 अक्टूबर को सुबह 05:49 AM पर खत्म होगी। सूर्योदय 29 अक्टूबर को सुबह 06:43 बजे होगा और सूर्यास्त 29 अक्टूबर को शाम 06:04 बजे होगा।