Kanya Pujan 2022: आखिर क्यों 3 से 9 साल की कन्याओं की होती है पूजा? क्या है इसका विधान
संदीप गौतम, अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, धर्म-दर्शन। Kanya Pujan 2022: शारदीय नवरात्र का आज आठवां दिन है, आज का दिन मां दुर्गा के 8वें रूप को समर्पित है, जिसे कि ‘महागौरी’ कहते हैं। कहते हैं कि मां की पूजा तब तक अधूरी है, जब तक कि आप कन्या पूजन ना करें। जिसे कि ‘कंचक’ खिलाना भी कहते हैं।
केवल 3 से 9 साल की कन्याओं की पूजा क्यों होती है?
आज के दिन छोटी-छोटी कन्याएं जब सजधजकर घर के आंगन में विचरती हैं, तो ऐसा मालूम होता है कि जैसे सच में मां दुर्गा ने बाल रूप धारण कर लिया है। लेकिन क्या आपको पता हैकि कन्या पूजन में केवल 3 से 9 साल की कन्याओं की पूजा क्यों होती है?
बाल रूप को 3 से 9 साल के बीच ही गिना जाता है:
दरअसल बाल रूप को 3 से 9 साल के बीच ही गिना जाता है। जिस तरह से मां के नौ रूपों के नौ नाम हैं, ठीक उसी तरह से 3 से 9 साल की कन्याओं को भी अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है।
जो कि निम्लिखित हैं..
कन्याओं के नाम अलग-अलग 3 वर्ष की कन्या ‘कौमारी’ कहलाती हैं। 4 वर्ष की कन्या ‘त्रिमूर्ति’ कहलाती हैं। 5 वर्ष की कन्या ‘कल्याणी’ कहलाती हैं। 6 वर्ष की कन्या ‘रोहणी’ कहलाती हैं। 7 वर्ष की कन्या ‘चंडिका’ कहलाती हैं। 8 वर्ष की कन्या ‘शाम्भवी’ कहलाती हैं। 9 वर्ष की कन्या ‘सिद्धिदात्री’ रूप कहलाती हैं।
इंसान को हर कष्ट से मुक्ति मिलती है:
कन्याओं के इन अलग-अलग रूपों को पूजने से इंसान को हर कष्ट से मुक्ति मिलती है, उसके सारे दुखों का अंत होता है। वो जिस चीज की इच्छा रखता है, उसे वो सबकुछ हासिल होता है। मां अपने हर भक्त पर दोनों हाथों से खुशियां लुटाती हैं। महागौरी वैसे भी सरस और कोमल हृदय की माता है, जिनके शरण मात्र से ही इंसान को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शाम 04 बजकर 37 मिनट आपको बता दें कि आज शाम 04 बजकर 37 मिनट तक ही महाअष्टमी है, इसके बाद महानवमी लग जाएगी। ऐसे में अगर आप हवन करना चाहते हैं तो आप हवन कर सकते हैं। गोधूलि मुहूर्त- 05:53 PM से 06:17 PM। अमृत काल- 07:54 PM से 09:25 PM। अभी रवियोग लग चुका है, जो कि शाम 6 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।