LIC के शेयर्स की लिस्टिंग डिस्काउंट के साथ हुई है। NSE पर LIC का शेयर 77 रुपए, यानी 8.11% नीचे 872 रुपए पर लिस्ट हुआ है। वहीं BSE पर ये 867 पर पर लिस्ट हुआ है। सरकार ने LIC में अपनी 3.5% हिस्सेदारी बेचकर करीब 21,000 करोड़ रुपए हासिल किए हैं।
इश्यू 2.95 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इश्यू का अपर प्राइस बैंड 949 रुपए था। यानी जिन निवेशकों को शेयर में डिस्काउंट नहीं मिला उन्हें BSE प्राइस के हिसाब से प्रति शेयर 82 रुपए का नुकसान हुआ है। लिस्टिंग प्राइस के हिसाब से LIC का मार्केट कैप 5.48 लाख करोड़ रुपए रहा। ये देश की 5वीं वैल्यूएबल कंपनी बन गई है।
LIC से आगे केवल इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक, टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज है।
निवेशकों को लिस्टिंग पर कितना नुकसान
पॉलिसीधारकों को:
LIC ने 15 शेयर का लॉट साइज रखा था। अगर आपने पॉलिसी धारक कोटे से IPO में अप्लाय किया था तो आपको 60 रुपए का डिस्काउंट यानी एक शेयर (949-60) 889 रुपए में मिला। इस हिसाब से 889 × 15 = 13,335 रुपए में 1 लॉट यानी 15 शेयर मिले। वहीं BSE पर शेयर 867 रुपए पर लिस्ट हुआ। यानी पॉलिसीधारकों को लिस्टिंग पर प्रति शेयर 22 रुपए का नुकसान हुआ और 1 लॉट पर ये नुकसान 330 रुपए का रहा।
रिटेल और कर्मचारियों को:
अगर आपने रिटेल और कर्मचारी के कोटे से IPO में अप्लाय किया था तो आपको 45 रुपए का डिस्काउंट यानी एक शेयर (949-45) 904 रुपए में मिला। इस हिसाब से 904 ×15 = 13,560 रुपए में 1 लॉट यानी 15 शेयर मिले। BSE पर शेयर 867 रुपए पर लिस्ट हुआ। यानी रिटेल और कर्मचारियों को लिस्टिंग पर प्रति शेयर 37 रुपए का नुकसान हुआ। 1 लॉट पर ये नुकसान 555 रुपए का रहा।
मैक्वायरी ने दिया 1000 रुपए का टारगेट प्राइस
विदेश ब्रोकरेज फर्म मैक्वायरी (Macquarie) ने LIC के 1000 रुपए के टारगेट प्राइस के साथ इसे न्यूट्रल रेटिंग दी है।
इश्यू 2.95 गुना सब्सक्राइब हुआ था
LIC के IPO को निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। हालांकि, अट्रैक्टिव वैल्यूएशन के बावजूद ये विदेशी और संस्थागत निवेशकों को लुभाने में विफल रहा। रिटेल और अन्य निवेशकों के लिए 4 मई को खुले इस IPO के सब्सक्रिप्शन का 9 मई को आखिरी दिन था। इश्यू 2.95 गुना सब्सक्राइब हुआ था।