अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, दिल्ली नगर निगम (MCD) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए यूनिक प्रॉपर्टी आइडेंटिफिकेशन कोड (UPIC) को आधार से जोड़ने का फैसला किया है। इस पहल के लिए निगम प्रशासन को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) से अनुमति भी मिल गई है। एमसीडी अब सभी करदाताओं के आधार कार्ड को उनके UPIC यानी संपत्ति कर से संबंधित यूनिक आईडी से लिंक करेगा। निगम का मानना है कि इस प्रक्रिया से संपत्ति कर रिकॉर्ड अधिक पारदर्शी, सटीक और अद्यतन किए जा सकेंगे।
निगम अधिकारियों के अनुसार, इस व्यवस्था को लागू करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि करदाता अपने आधार कार्ड का उपयोग करके एमसीडी की वेबसाइट पर आसानी से संपत्ति कर जमा कर सकें। आधार से लिंक होने के बाद करदाता बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ के सीधे अपनी संपत्ति का विवरण हासिल कर सकेंगे और ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी।
संपत्तियों का होगा सर्वे
इसके अलावा निगम दिल्ली भर की सभी संपत्तियों का व्यापक सर्वे करेगा। इस सर्वे में यह जांचा जाएगा कि संपत्ति मालिक ने घर या दुकान किराए पर दी है, लेकिन संपत्ति कर जमा नहीं कराया है। ऐसे मामलों में निगम उन पर पिछले कई वर्षों का बकाया संपत्ति कर वसूलने के लिए नोटिस जारी करेगा और अतिरिक्त जुर्माना भी लगाएगा।
उल्लंघनकर्ताओं का पता लगाकर लगाया जाएगा जुर्माना
नियमों के अनुसार यदि संपत्ति मालिक स्वयं अपने घर में रहते हैं, तो उन्हें यूज फैक्टर 1 के तहत संपत्ति कर का भुगतान करना होता है। वहीं, यदि संपत्ति को किराए पर दिया जाता है, तो यूज फैक्टर 2 के अनुसार संपत्ति कर देना अनिवार्य है। अब निगम का संपत्ति कर विभाग ऐसे उल्लंघनकर्ताओं की पहचान करके उन पर जुर्माना भी लगाएगा।
MCD ने वित्तीय वर्ष 2026-27 की नई परियोजनाओं की घोषणा
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने आगामी वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की जानकारी दी। निगम नरेला और बवाना में तीन हजार मीट्रिक टन प्रति दिन कचरा रिसायकल करने की क्षमता वाले नए वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट का निर्माण करेगा।
ओखला स्थित वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट की क्षमता 1950 मीट्रिक टन प्रति दिन से बढ़ाकर 2950 मीट्रिक टन प्रति दिन की जाएगी। इस परियोजना के लिए लगभग 50 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता केंद्र सरकार से उपलब्ध होगी।
गाजीपुर में दो हजार मीट्रिक टन प्रति दिन की क्षमता वाला नया वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट लगाने के लिए निगम ने निविदाएं जारी की हैं। इसके लिए दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग से अनुमति भी मिल चुकी है।
दिल्ली में रोजाना उत्पन्न होने वाले कचरे के निस्तारण को लेकर निगम ने व्यापक योजना तैयार की है। इसके तहत 5100 मीट्रिक टन प्रति दिन कचरा संभालने वाले संयंत्रों की स्थापना हेतु निविदाएं जारी की गई हैं। ये संयंत्र भलस्वा लैंडफिल साइट, सिंघोला, ओखला और बवाना में बनाए जाएंगे।
इसके अलावा भारत दर्शन पार्क में 188 कारों की क्षमता वाली मल्टी-लेवल पार्किंग तैयार की जाएगी, जिससे पार्किंग की समस्या में राहत मिलने की उम्मीद है।
दिल्ली में ड्रोन सर्वे से अवैध निर्माण की पहचान, 75% क्षेत्र का सर्वे पूरा
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और सर्वे ऑफ इंडिया मिलकर राजधानी में ड्रोन द्वारा सर्वे कर रहे हैं। इसके लिए तीनों संस्थानों के बीच त्रिपक्षीय समझौता किया गया है। ड्रोन सर्वे के माध्यम से दिल्ली की संपत्तियों का विस्तृत 3डी डेटा तैयार किया जा रहा है। बजट में दी गई जानकारी के अनुसार, अब तक लगभग 1,000 वर्ग किलोमीटर यानी दिल्ली के करीब 75 फीसदी क्षेत्र का सर्वे पूरा हो चुका है। अधिकारियों का कहना है कि इस डेटा से अवैध निर्माण की पहचान आसान होगी और संपत्ति कर की वसूली भी प्रभावी ढंग से की जा सकेगी। इसके जरिए उन संपत्ति मालिकों को भी टैक्स के दायरे में लाया जाएगा जिन्होंने अब तक संपत्ति कर जमा नहीं किया है।
सफाई के इंतजाम जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहे
दिल्ली नगर निगम ने बजट में बताया कि इस वर्ष जुलाई से सितंबर तक ‘सफाई अपनाओ, बीमारी भगाओ’ अभियान चलाया गया। इसके अलावा, सितंबर के दूसरे सप्ताह से 2 अक्टूबर तक ‘दिल्ली को कूड़े से आजादी’ अभियान भी संचालित किया गया। हालांकि, इन अभियानों के बावजूद दिल्ली के नागरिकों ने कई स्थानों पर सफाई की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए हैं। नागरिकों का कहना है कि शहर के कई इलाकों में अब भी कूड़े के ढेर फैले हुए हैं, जिनकी नियमित सफाई नहीं की जा रही। कई शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है।






