संदीप गौतम, अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर। भगवान शिव को समर्पित सावन मास चल रहा है। इसके साथ ही आज का दिन काफी शुभ है। क्योंकि आज सावन सोमवार होने के साथ-साथ सोम प्रदोष का व्रत भी रखा जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की त्रयोदशी तिथि को सावन प्रदोष व्रत पड़ता है। इस बार सोमवार को पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। इस बार का प्रदोष व्रत काफी खास है। क्योंकि सावन का दूसरा सोमवार होने के साथ-साथ कई शुभ योग बन रहे हैं। जानिए सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की उपासना की जाती है, माना जाता है कि प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के पाप धूल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्त होता है।
सोम प्रदोष व्रत की विधि:
- प्रदोष व्रत करने के लिए प्रात: सूर्य उदय से पूर्व उठना चाहिए।
- नित्यकर्मों से निवृ्त होकर, भगवान श्री भोले नाथ का स्मरण करें।
- इस व्रत में आहार नहीं लिया जाता है।
- पूरे दिन उपावस रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटा पहले, स्नान आदि कर श्वेत वस्त्र धारण किए जाते है।
- पूजन स्थल को गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्ध करने के बाद, गाय के गोबर से लीपकर, मंडप तैयार किया जाता है।
- अब इस मंडप में पांच रंगों का उपयोग करते हुए रंगोली बनाई जाती है।
- प्रदोष व्रत कि आराधना करने के लिए कुशा के आसन का प्रयोग किया जाता है।
- इस प्रकार पूजन की तैयारियां करके उतर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे और भगवान शंकर का पूजन करना चाहिए।
- पूजन में भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप करते हुए शिव को जल चढ़ाना चाहिए।