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Somapradosh Vrat 2022 Date: कब है मार्गशीर्ष मास में प्रदोष व्रत? क्या है पूजा विधि?

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, धर्म-दर्शन। Somapradosh Vrat 2022 : संवत 2079 मार्गशीर्ष मास में दो बार सोमप्रदोष का संयोग बन रहा है। पहला सोमप्रदोष 21 नवंबर 2022 को आ रहा है और दूसरा सोमप्रदोष 5 दिसंबर को आएगा। सोमवार और शनिवार को प्रदोष का आना विशेष फलदायी होता है। 21 नवंबर को आ रहे सोमप्रदोष पर चित्रा नक्षत्र और आयुष्मान योग रहेगा। अत: यह प्रदोष आयुव‌र्द्धक और निरोगी बनाने वाला रहेगा। तुला का चंद्र और वृश्चिक का सूर्य रहेगा। इस सोमप्रदोष कुछ विशेष वस्तुओं से शिवजी का अभिषेक करेंगे तो आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।

21 नवंबर को त्रयोदशी तिथि प्रात: 10 बजकर 8 मिनट से प्रारंभ होगी। सायंकाल प्रदोषकाल में शिवजी का विधिवत पूजन कर उन्हें बेल पत्र, आंक के फूल, धतूरा आदि अर्पित करें।

इन चीजों से करें शिव पूजन

  • सोमप्रदोष के दिन भगवान शिव का अभिषेक गाय के कच्चे दूध से करें और उसमें मिश्री और गुलाब का पुष्प डाल लें। इससे मानसिक सुखों की प्राप्ति होगी। मन का भटकाव बंद होगा और शिव कृपा से सारी इच्छाएं पूरी होंगी।
  • सोमप्रदोष के दिन प्रदोषकाल में किसी निर्जन स्थान पर बने शिवमंदिर की साफ-सफाई करके भगवान का शोडषोपचार पूजन करें। शहद से अभिषेक करें और शहद में भीगे हुए बेलपत्र अर्पित करें। इससे आयु में वृद्धि होगी। यदि किसी रोगी के स्वस्थ होने की कामना से यह प्रयोग करेंगे तो वह शीघ्र उत्तम स्वास्थ्य को प्राप्त करेगा।
  • सोमप्रदोष के दिन भगवान शिव का अभिषेक गन्ने के रस से करने से अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होगी। कालसर्प, नाग या ग्रहण दोष दूर करने के लिए शिवजी का अभिषेक पंचामृत से करें और फिर दो मुठ्ठी अक्षत अर्पित करें।
  • सोमप्रदोष के दिन शिवजी को पंचामृत से अभिषेक करके महामृत्युंजय मंत्र की एक माला जाप करने से आयु में वृद्धि होगी।
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