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अगहन मास हुआ प्रारंभ, सतयुग में इसी माह से शुरू हुआ था नया साल

हिंदू धर्म में अगहन के महीने को बहुत ही खास और महत्वपूर्ण महीना माना जाता हैं पंचांग के मुताबिक साल का नौवां महीना मार्गशीर्ष माह होता हैं इसे अगहन भी कहा जाता हैं वही अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक आमतौर पर ये महीना नंवबर और दिसंबर के बीच रहता हैं।

मार्गशीर्ष यानी की अगहन का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता हैं ये महीना भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय होता हैं। हिंदू शास्त्रों में इस महीने को भगवान कृष्ण का स्वरूप माना जाता हैं हिंदू पंचांग के मुताबिक 13 नवंबर, दिन बुधवार से मार्गशीर्ष मास का प्रारंभ हो चुका हैं। यह महीना 12 दिसंबर दिन गुरुवार तक रहेगा।

भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं ही गीता में कहा हैं कि मासानां मार्गशीर्षोऽयम् यानी सभी महीनों में मार्गशीर्ष महीना मेरा ही स्वरूप हैं सतयुग में देवों ने मार्गशीर्ष मास की प्रथम मिथि को ही वर्ष प्रारम्भ किया था। इसी मास में कश्यप ऋषि ने सुन्दर कश्मीर प्रदेश की रचना की थी। पूरे महीने भजन कीर्तन चलता रहता हैं इससे भगवान प्रसन्न हो जाते हैं।

इस महीने में धार्मिक महोत्सवों का आयोजन किया जाता हैं अगर मार्गशीर्ष मास में कोई श्रद्धालु कम से कम तीन दिन तक ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें तो उसे सभी सुख की प्राप्ति होती हैं। वही स्नान करने के बाद इष्ट देवताओं का ध्यान करना चाहिए। फिर विधिपूर्वक गायत्री मंत्र का जाप करें। स्त्रियों के लिए यह स्नान उनके पति की लंबी आयु और अच्छज्ञ स्वास्थ्य देने वाला होता हैं।

वही इस माह में शंख पूजन का विशेष महत्व होता हैं साधारण शंख को भगवान कृष्ण को पाञ्चजन्य शंख के समान समझकर उसकी पूजा करने से सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं।

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