अनादिन्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर। मोवा के आदर्श विद्यालय में छात्रों के कलावा और माथे पर टीका लगाने पर स्कूल प्रबंधन ने आपत्ति जताई थी।
बाल आयोग अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने कहा यह कृत्य बच्चों की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होता है, जो कि भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के अंतर्गत आता है.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लिया है. बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 13 (ज) एवं धारा 14 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए विद्यालय प्रबंधन को निर्देशित किया है कि आयोग कार्यालय में लिखित प्रतिवेदन सहित व्यक्तिशः उपस्थित होने के दिए निर्देश.
आयोग बच्चों के हितों और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है. साथी ही ऐसे किसी भी कार्य के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने के लिए संकल्पित है, जो बच्चों की धार्मिक, सामाजिक या मानसिक स्वतंत्रता को बाधित करता हो.