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पतंजलि आयुर्वेद ने अप्रैल-सितंबर में कमाए 3,562 करोड़ रुपए, यह है किसी एक वित्‍त वर्ष में अबतक का सबसे बड़ा छमाही राजस्‍व…

बाबा रामदेव के नेतृत्‍व वाली पतंजलि आयुर्वेद ने बताया कि उसने वित्‍त वर्ष 2019-20 में अप्रैल से सितंबर के दौरान 3,562 करोड़ रुपए का राजस्‍व हासिल किया है। यह किसी एक वित्‍त वर्ष में पहली छमाही में हासिल किया गया अब तक का सबसे बड़ा राजस्‍व है।

हरिद्वारा में मुख्‍यालय वाली पतंजलि आयुर्वेद ने बताया कि चालू वित्‍त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में उसका राजस्‍व 1793 करोड़ रुपए और जुलाई-सितंबर तिमाही में 1769 करोड़ रुपए रहा है। कंपनी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यह आंकड़े पतंजलि आयुर्वेद के हैं और इसमें सभी कारोबार का राजस्‍व शामिल नहीं है।

वित्‍त वर्ष 2018-19 में अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी राजस्‍व 937 करोड़ रुपए और जुलाई-सितंबर तिमाही में 1576 करोड़ रुपए रहा था। पतंजलि के प्रवक्‍ता एसके तिजारावाला ने कहा कि सबसे उल्‍लेखनीय और ध्‍यान देने वाली बात यह है कि पतंजलि आयुर्वेद ने वापसी की है। इसने अपने इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा पहली छमाही राजस्‍व हासिल किया है। हालांकि कंपनी ने अपने शुद्ध लाभ के आंकड़ें का जिक्र नहीं किया है।

तिजारावाला ने कहा कि 2018-19 में पतंजलि आयुर्वेद का एकल राजस्‍व 8,329 करोड़ रुपए था। उन्‍होंने कहा कि ग्रुप का कुल टर्नओवर इस आंकड़े से बहुत अधिक था। 2019-20 की दूसरी छमाही के परिदृश्‍य पर उन्‍होंने कहा कि पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही में हम दोगुना राजस्‍व हासिल करेंगे।

पिछले वित्‍त वर्ष में कंपनी ने तीसरी तिमाही में 2,388 करोड़ रुपए और चौथी तिमाही में 3,698 करोड़ रुपए का राजस्‍व हासिल किया था। तिजारावाला ने कहा कि पतंजलि ने अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाया है और जीएसडी और नोटबंदी के नकारात्‍मक प्रभाव से ग्रुप अब बाहर निकल चुका है।

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पतंजलि आयुर्वेद प्रमुख रूप से एफएमसीजी और आयु‍र्वेदिक दवाओं का कारोबार करती है। कंपनी का बिस्‍कुल, नूडल्‍स, डेयरी कारोबर, सोलन पैनल और अपैरल बिजनेस पतंजलि आयुर्वेद का हिस्‍सा नहीं है।