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राम नवमी पर PM मोदी हाईटेक पंबन ब्रिज का करेंगे उद्घाटन

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम,दिल्ली। भारत का सबसे हाई-टेक वर्टिकल लिफ्ट पंबन ब्रिज राम नवमी के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे. यह ब्रिज न केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, बल्कि इसका धार्मिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व भी अत्यधिक है. विशेष बात ये है कि पीएम मोदी इस ब्रिज का शुभारंभ अत्यंत शुभ दिन यानि राम नवमी पर करने जा रहे हैं. इस दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा, जो शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए सबसे उत्तम माना जाता है.

इस दिन भगवान श्रीराम (Lord) के जन्मोत्सव पर रामेश्वरम में विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाएंगे. रामायण के अनुसार, यही वह स्थान है जहां भगवान राम ने समुद्र पर सेतु (रामसेतु) बनवाकर लंका जाने का मार्ग प्रशस्त किया था. पंबन ब्रिज से तीर्थयात्रियों के लिए रामेश्वरम की यात्रा अधिक सुगम हो जाएगी. प्रधानमंत्री ने इसके शुभारंभ के लिए जो दिन, तिथि और अवसर का चयन किया है वो बहुत ही शुभ माना जा रहा है.

पंबन ब्रिज का ऐतिहासिक महत्व
1914 में बना भारत का पहला समुद्री पुल, जिसे अंग्रेजों ने निर्मित किया था. 1964 में चक्रवात ने एक पूरी ट्रेन को समुद्र में निगल लिया, जिससे यह स्थान ऐतिहासिक रूप से चर्चित हुआ. 1988 तक, यही ब्रिज रामेश्वरम और मुख्य भूमि के बीच एकमात्र संपर्क मार्ग था. अन्नाई इंदिरा गांधी रोड ब्रिज बनने के बाद वाहन यातायात के लिए अलग मार्ग बना.
नया पंबन ब्रिज: भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज
ब्रिज का मध्य भाग 72 मीटर ऊँचा उठ सकता है, जिससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकते हैं.
लंबाई: 2.08 किलोमीटर
ऊंचाई: समुद्र तल से 22 मीटर ऊँचा
गति: 80 किमी/घंटा की स्पीड से ट्रेनें इस पर चल सकेंगी.
यह पुल आधुनिक इंजीनियरिंग का एक अद्भुत उदाहरण है: यह ब्रिज अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है और यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया गया है. सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर, यह ब्रिज अत्याधुनिक एंटी-कोरोजन तकनीक से बना है, जिससे यह समुद्री लवणता से सुरक्षित रहेगा. यह ब्रिज ऑटोमेटेड इलेक्ट्रो-मैकेनिकल लिफ्ट सिस्टम से लैस है, जो पुल को 17 मीटर तक ऊपर सकता है, इससे जहाज आसानी से गुजर सकेंगे.
पंबन ब्रिज के नीचे कौन सा समुद्र है?
यह पुल अरब सागर और बंगाल की खाड़ी को जोड़ने वाले पाक जलडमरूमध्य पर बना है. यह क्षेत्र समुद्री जैव विविधता और मछली पकड़ने के लिए भी प्रसिद्ध है. पंबन द्वीप और रामेश्वरम का आध्यात्मिक महत्व रामेश्वरम हिंदू धर्म में चार धामों में से एक है और भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों में से एक यहां स्थित है. पंबन द्वीप तमिलनाडु का सबसे बड़ा द्वीप है और रामायण के प्रसंगों से जुड़ा हुआ है.
पंबन ब्रिज से क्या लाभ होगा?
तीर्थयात्रियों के लिए यहां की यात्रा और अधिक सुगम होगी, भक्त अब पहले से अधिक आसन तरीके से रामेश्वरम आ सकेंगे. धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. यह ब्रिज देश-विदेश से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा. रेलवे संपर्क में सुधार होने से दूर दराज के क्षेत्रों से भी लोग तेज गति वाली ट्रेनों का उठा पाएंगे और यात्रा का समय कम होगा. राम नवमी (Ram Navami 2025) के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) इस आधुनिक ब्रिज का उद्घाटन कर रहे हैं उसे भारत के आध्यात्मिक और इंजीनियरिंग विकास का प्रतीक माना जा रहा है. जानकारों का मनाना है कि यह ब्रिज श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का मार्ग प्रशस्त करेगा.

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