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शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में ICAR-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान की समीक्षा की

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, भोपाल : केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री , शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को आईसीएआर-केंद्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान (सीआईएई), भोपाल का दौरा किया , कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा।

मंत्री ने वैज्ञानिकों, छात्रों और कर्मचारियों को संबोधित किया, कृषि विकास में संस्थान के योगदान की सराहना की और किसान-हितैषी प्रौद्योगिकियों के त्वरित विकास तथा विकसित प्रौद्योगिकियों को किसानों, विशेषकर छोटे किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

चौहान ने संस्थान द्वारा हाल ही में किए गए कार्यों की समीक्षा की और संस्थान के एआईसीआरपी के नेटवर्क के माध्यम से देश के विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं की पहचान करने तथा अगले दस वर्षों में मशीनीकरण हस्तक्षेप की योजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि देश विकसित भारत अभियान की दिशा में एक बड़ी छलांग लगा सके।

मंत्री महोदय ने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों से संचालित छोटे इंजन या मशीनरी विकसित करने तथा सेंसर आधारित प्रणालियों के अलावा अन्य को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि सभी वर्गों के किसानों का समावेशी विकास हो सके। उन्होंने देश में विभिन्न स्थानों पर किसान मेले आयोजित करने तथा निकट भविष्य में देश के मशीनीकरण की रूपरेखा तैयार करने के लिए सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श सत्र आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की। इसके अलावा उन्होंने खाद्य सुरक्षा, मृदा स्वास्थ्य तथा प्रयोगशाला से भूमि तक प्रौद्योगिकियों के प्रभावी हस्तांतरण के महत्व पर भी जोर दिया।

चौहान ने संस्थान द्वारा हाल ही में विकसित प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का भी अवलोकन किया और उनकी सराहना की। इस कार्यक्रम में एमएल जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक, आईसीएआर; एसएन झा, उप महानिदेशक (इंजीनियरिंग); एके नायक, उप महानिदेशक (विस्तार); सीआर मेहता, निदेशक, आईसीएआर-सीआईएई; और एम मोहंती, निदेशक, आईसीएआर-आईआईएसएस, भोपाल उपस्थित थे ।

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उपकरण की प्रभावी क्षेत्र क्षमता और क्षेत्र दक्षता क्रमशः 0.2 हेक्टेयर/घंटा और 74% है, जो 1.7 किमी/घंटा की अग्रिम गति और 1 मीटर की परिचालन चौड़ाई पर है। उपकरण की कुल लागत और परिचालन लागत क्रमशः 300,000/- रुपये और 1500/घंटा है। विज्ञप्ति के अनुसार, उपकरण की वापसी अवधि 1.9 वर्ष (444 घंटे) है और ब्रेक-ईवन पॉइंट 70 घंटे/वर्ष है। उपकरण में यांत्रिक साधनों द्वारा पंक्ति से पंक्ति तथा पौधे से पौधे के बीच क्रमशः 0.5 से 0.9 मीटर तथा 0.2 से 0.6 मीटर की दूरी रखने का प्रावधान दिया गया है। मौजूदा ड्रिप लेटरल-कम-प्लास्टिक मल्च बिछाने वाली मशीन की तुलना में यह 26 मानव-दिन/हेक्टेयर (89%) और परिचालन लागत में 6,600 रुपये प्रति हेक्टेयर (43%) की बचत कर सकती है। यह प्लास्टिक में उच्च मूल्य वाली फसलें जैसे खरबूजे, ककड़ी, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, हरी मटर, भिंडी, सेम आदि लगाने के लिए उपयुक्त है।