अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने शुक्रवार को जस्टिस एन. वी. अंजनिया, जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। अब सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या 34 हो चुकी है।
29 मई को केंद्र ने तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई और बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की गई थी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने तीनों न्यायाधीशों को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत करने का फैसला किया। न्यायमूर्ति अंजारिया ने अगस्त 1988 में गुजरात उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की और 21 नवंबर 2011 को उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 6 सितंबर 2013 को वे स्थायी न्यायाधीश बने। उन्होंने 25 फरवरी 2024 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। न्यायमूर्ति बिश्नोई 8 जुलाई 1989 को अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए और उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय और जोधपुर में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में वकालत की। उन्हें 8 जनवरी 2013 को राजस्थान उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 7 जनवरी 2015 को वे स्थायी न्यायाधीश बने। न्यायमूर्ति बिश्नोई ने 5 फरवरी 2024 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें 21 जून 2013 को बॉम्बे उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 हो गई है।