दिल्ली प्रदूषण के विरोध में इंडिया गेट पर प्रदर्शन, नक्सल समर्थन के नारे और पुलिस पर पेपर स्प्रे—प्रदर्शनकारियों की नीयत पर सवाल
अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, दिल्ली प्रदूषण के खिलाफ इंडिया गेट (India Gate) पर छात्रों ने प्रदर्शन किया। हालांकि छात्रों का ये प्रदर्शन अब सवालों के घेरे में आ गया है। छात्रों ने पहले तो प्रदूषण का बहाना बनाकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में केंद्र सरकार के खिलाफ और नक्सलियों के समर्थन में नारे लगाए गए। इसके बाद दर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर मिर्ची स्प्रे से हमला कर दिया। हमले में दिल्ली पुलिस के कई अधिकारी घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यह घटना तब हुई जब पुलिस उन्हें बैरिकेड्स पार करने से रोक रही थी। पुलिस अब मामले में एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई कर रही है। लेकिन सवाल यही है कि आखिर प्रदर्शनकारियों की मंसा क्या थी?
विवार शाम को इंडिया गेट पर हुआ प्रदर्शन विवादों में घिर गया है। यहां वायु प्रदूषण के प्रदर्शन के दौरान नक्सली कमांडर ‘हिडमा अमर रहे’ के नारे लगाए गए। प्रदर्शनकारियों ने हिडमा के नाम की पत्तियां और पोस्टर पकड़े हुए थे। प्रदर्शनकारी व्यवस्था से नाराज़ थे और उसमें बदलाव की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने माओवादी कमांडर माडवी हिडमा (जो हाल ही में मुठभेड़ में मारा गया था) के पोस्टर पकड़ रखे थे। इस पर बीजेपी नेताओं ने भी आपत्ति जताई है। प्रदर्शन के दौरान हिडमा के समर्थन में नारे लगाने वालों को पुलिस ने कार्रवाई की बात कही है। पुलिस की तरफ से साफ कहा गया कि नारेबाजी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
पूरी घटना पर क्या बोले अधिकारी
सीनियर अधिकारी ने पेपर स्प्रे की घटना पर कहा-कुछ प्रदर्शनकारी C-हेक्सागन में घुस गए थे और आने-जाने पर रोक लगाने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को पार करने की कोशिश कर रहे थे। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि उनके पीछे कई एम्बुलेंस और मेडिकल कर्मी फंसे हुए हैं। उन्हें इमरजेंसी एक्सेस की जरूरत है, लेकिन वे गुस्सा हो गए। मौके पर मौजूद पुलिस वालों को लगा कि मामला हाथापाई तक बढ़ सकती है। उन्होंने प्रोटेस्ट करने वालों को पीछे हटने की सलाह दी। हालांकि उन्होंने पीछे हटने से मना कर दिया और बैरिकेड तोड़ दिए। प्रदर्शनकारी सड़क पर आ गए और वहीं बैठ गए। जब हमारी टीमें उन्हें हटाने की कोशिश कर रही थीं, तो कुछ प्रोटेस्ट करने वालों ने पुलिसवालों पर चिली स्प्रे से हमला कर दिया। इसके बाद ट्रैफिक में रुकावट से बचने के लिए प्रोटेस्ट करने वालों को C-हेक्सागन से हटा दिया गया।

होगी कड़ी कार्रवाई- डिप्टी कमिश्नर
डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस देवेश कुमार महला ने कहा “यह बहुत अजीब था। पहली बार, प्रोटेस्ट करने वालों ने ट्रैफिक और लॉ एंड ऑर्डर मैनेज कर रहे अधिकारियों पर चिली स्प्रे का इस्तेमाल किया। महला के मुताबिक, यह पहली बार है जब भीड़ कंट्रोल ऑपरेशन के दौरान पुलिसवालों को पेपर स्प्रे का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा, “हमारे कुछ अधिकारियों की आंखों और चेहरे पर स्प्रे लगा और उनका अभी RML हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। इस बारे में लीगल एक्शन लिया जा रहा है।
बदमाश स्टूडेंट एक्टिविस्ट फिर सड़कों पर
प्रदर्शनकारियों की नारेबाजी पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने चिंता जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सर्दियों में दिल्ली का AQI बेशक चिंता की बात है, लेकिन यह भी सच है कि इस साल एयर क्वालिटी पिछले 10 सालों के मुकाबले काफी बेहतर रही है। इसका मुख्य कारण: केंद्र के अहम दखल के बाद पूरे उत्तर भारत में खेतों में आग लगने की घटनाएं कम हो गई हैं। फिर भी, AAP के राज वाला पंजाब सबसे बड़ा अपराधी बना हुआ है। आगे कहा कि मजे की बात यह है: पिछले दस सालों से, दिल्ली में एक अर्बन नक्सल मुख्यमंत्री था और शहर में साल दर साल दम घुटने के बावजूद, साफ हवा की मांग को लेकर कोई बड़ा विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ।
लेकिन जैसे ही BJP दिल्ली में सत्ता में आई, अचानक हमारे पास प्रदूषण के नाम पर विरोध प्रदर्शन करने वाले एक्टिविस्ट आ गएष ये विरोध प्रदर्शन साफ तौर पर एक पिछड़े कम्युनिस्ट एजेंडे से प्रेरित हैं, पर्यावरण की चिंता से नहीं। इसके चेहरे जाने-पहचाने हैं। JNU के लेफ्ट-अलाइंड यूनियनों के वही बदमाश स्टूडेंट एक्टिविस्ट हैं।
हिड़मा का 18 नवंबर को हुआ था एनकाउंटर
बता दें कि छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश के बॉर्डर पर 18 नवंबर को मुठभेड़ हुई थी। इसी दौरान हिड़मा के खात्मे का ऑपरेशन चलाया गया था, जिसके बाद दोनों तरफ से जमकर फायरिंग हुई थी। सर्चिंग के दौरान पुलिस को 6 लाशें मिली थीं, पुलिस ने खुलासा किया था कि एनकाउंटर में हिड़मा और उसकी पत्नी भी मारी गई है। हिड़मा 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का इनामी नक्सली था। इसी के समर्थन में दिल्ली में इंडिया गेट पर हुई नारेबाजी ने हर किसी को हैरान कर दिया है। हिडमा ने करीब 350 लोगों की जान ली है। इसमें ज्यादा सेना के जवान शामिल हैं।





