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शिवमहापुराण में मनाया गया भगवान गणेश का जन्मोत्सव

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में श्री राम मंदिर, वीआईपी रोड स्थित महर्षि वाल्मीकि मंडप में चल रहे श्री शिवमहापुराण ज्ञान यज्ञ के आठवें दिन आज श्रद्धा और आस्था का वातावरण और भी गहराया, जब आचार्य जयप्रकाश तिवारी “अयोध्या वाले” ने व्यासपीठ से भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों की महिमा और भगवान गणेश के अवतरण की कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया।

आज की कथा में आचार्य जयप्रकाश तिवारी ने श्रोताओं को शिवमहापुराण में वर्णित भगवान गणेश के जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि जब माता पार्वती स्नान करने जा रही थीं, तब उन्होंने अपने शरीर के मैल से एक पुतला बनाया और उसमें प्राण डाल दिए। यह पुतला ही आगे चलकर भगवान गणेश बने। माता पार्वती ने गणेश जी को द्वार पर पहरा देने का निर्देश दिया। इसी दौरान भगवान शिव वहां पहुंचे और जब गणेशजी ने उन्हें अंदर जाने से रोका, तो शिवजी क्रोधित होकर उनका सिर काट देते हैं। पार्वती के विलाप पर, शिवजी गणेशजी को हाथी का सिर लगाकर पुनर्जीवित करते हैं और उन्हें “गणपति” की उपाधि देते हैं — अर्थात् गणों के स्वामी।

द्वादश ज्योतिर्लिंग: शिवभक्ति का परम स्रोत

व्यासपीठ से आचार्यश्री ने भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों की महत्ता पर विशेष प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ये 12 पवित्र मंदिर शिवभक्तों के लिए मोक्षदायी तीर्थ हैं। इन ज्योतिर्लिंगों की उपासना से न केवल जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं, बल्कि आध्यात्मिक उत्थान भी सुनिश्चित होता है। उन्होंने कहा, “महादेव इतने सरल हैं कि वे केवल एक बेलपत्र और जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन यदि मन में छल, द्वेष या दुर्भावना हो तो उनकी कृपा प्राप्त नहीं होती।” आचार्य श्री ने भक्तों से आग्रह किया कि वे इन ज्योतिर्लिंगों का दर्शन एवं पूजन पूरी श्रद्धा और शुद्ध भाव से करें, क्योंकि शिव की कृपा से सभी प्रकार के पापों का क्षय और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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कल होगा विशेष पूजन

कथा के आयोजकों ने जानकारी दी कि 19 जून को श्री राम मंदिर परिसर में द्वादश ज्योतिर्लिंग पूजन का भव्य आयोजन किया जाएगा। आचार्य श्री ने सभी शिवभक्तों से सपरिवार इस पूजन में भाग लेने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, “ज्योतिर्लिंगों का पूजन एक दुर्लभ अवसर है, जिससे मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है। इस अवसर को किसी को भी नहीं गंवाना चाहिए।” इस 11 दिवसीय श्री शिवमहापुराण कथा यज्ञ का आयोजन 11 जून से 21 जून तक किया जा रहा है। आयोजन “अवलंबन वेलफेयर फाउंडेशन” के तत्वावधान में किया गया है। कथा स्थल पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।