
अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, रायपुर। रायपुर में सावन के अंतिम सोमवार को रुद्राभिषेक किया गया। यह भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए एक महत्वपूर्ण पूजा है। इस दिन, भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, और पंचामृत चढ़ाते हैं, साथ ही बेलपत्र, फूल, और अन्य पवित्र वस्तुएं भी अर्पित करते हैं।
सावन के अंतिम सोमवार को रुद्राभिषेक करने का महत्व:
भगवान शिव की कृपा:
रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक शक्तिशाली तरीका है, जिससे भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पापों से मुक्ति:
रुद्राभिषेक करने से भक्तों के पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और वे पवित्र होते हैं।
मनोकामनाओं की पूर्ति:
रुद्राभिषेक करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, खासकर वे जो मानसिक शांति, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की तलाश में हैं।
नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति:
इस दिन, भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं, साफ कपड़े पहनते हैं और भगवान शिव का ध्यान करते हैं। फिर, वे शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, और पंचामृत चढ़ाते हैं। इसके बाद, वे बेलपत्र, फूल, धतूरा, भांग, और अन्य पवित्र वस्तुएं भी अर्पित करते हैं।
रुद्राभिषेक के दौरान, भक्त ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हैं और भगवान शिव से अपने पापों की क्षमा और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, और इस महीने में रुद्राभिषेक करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
कैसे करें रुद्राभिषेक पूजन
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शिवलिंग पर पंचामृत या जल-योग से अभिषेक करें (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर/मिश्री)।
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“ॐ नमः शिवाय” एवं रुद्राष्टाध्यायी मंत्र जपें।
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बेलपत्र, धतूरा पुष्प, धूप-दीप अर्पित करें।
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आंतरिक श्रद्धा और संकल्प के साथ पूजा पूरी करें।
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पंचांग के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त या शुभ मुहूर्त में पूजन विशेष फलकारी माना जाता है।





